भगवान जगन्नाथ हुए हुए विमार
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जौनपुर। रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ अस्वस्थ हो गए हैं। पौराणिक परंपरा के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गर्मी की अधिकता के कारण 108 घड़े के स्नान करने के पश्चात भगवान जगन्नाथ शीत विकार की समस्याओं से ग्रसित हुए। जिसके फलस्वरूप मंदिर के पट सामाजिक पूजन व दर्शनों के लिए बंद कर दिए गए हैं।
भगवान को वैद्य के परामर्श अनुसार स्वास्थ्य लाभ हो, इसके लिए सोठ, गुड़, काली मिर्च, लौंग, तुलसी की पत्ती, दालचीनी आदि औषधियों से निर्मित काढ़ा सुबह व शाम भोग प्रसाद के साथ भगवान को अर्पण किया जा रहा है। श्री जगन्नाथ रथयात्रा समिति के तत्वावधान में रासमंडल स्थित मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा ही दैनिक पूजा गर्भगृह में ही प्रतिदिन संपन्न की जा रही है। इस वर्ष रथयात्रा की तैयारियों में कोरोना महामारी के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है लेकिन रथयात्रा महोत्सव की अन्य प्रक्रियाएं विधिवत होगी। जिन्हें शासन के दिशा-निर्देश पर पालन कराया जाएगा। इस मौके पर श्री जगन्नाथ धाम रासमंडल के आचार्य डा.रजनीकांत द्विवेदी, रथयात्रा समिति के अध्यक्ष शशांक सिंह, आयोजक शिव शंकर साहू, दिनेश कपूर, संजय गुप्ता, सीए विजय गुप्ता, मुख्य ट्रस्टी संतोष गुप्ता आदि तैयारियों में लगे रहे।
भगवान को वैद्य के परामर्श अनुसार स्वास्थ्य लाभ हो, इसके लिए सोठ, गुड़, काली मिर्च, लौंग, तुलसी की पत्ती, दालचीनी आदि औषधियों से निर्मित काढ़ा सुबह व शाम भोग प्रसाद के साथ भगवान को अर्पण किया जा रहा है। श्री जगन्नाथ रथयात्रा समिति के तत्वावधान में रासमंडल स्थित मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा ही दैनिक पूजा गर्भगृह में ही प्रतिदिन संपन्न की जा रही है। इस वर्ष रथयात्रा की तैयारियों में कोरोना महामारी के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है लेकिन रथयात्रा महोत्सव की अन्य प्रक्रियाएं विधिवत होगी। जिन्हें शासन के दिशा-निर्देश पर पालन कराया जाएगा। इस मौके पर श्री जगन्नाथ धाम रासमंडल के आचार्य डा.रजनीकांत द्विवेदी, रथयात्रा समिति के अध्यक्ष शशांक सिंह, आयोजक शिव शंकर साहू, दिनेश कपूर, संजय गुप्ता, सीए विजय गुप्ता, मुख्य ट्रस्टी संतोष गुप्ता आदि तैयारियों में लगे रहे।