डॉ. सीमा मिश्रा कान्यकुब्ज ब्राह्मण महासभा की “राष्ट्रीय अध्यक्ष” मनोनीत
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दक्षिण भारत की प्रसिद्ध लेखिका / शिक्षाविद् डॉ. सीमा मिश्रा, को अखिल भारतीय कान्यकुब्ज ब्राह्मण महासभा, (रजि.) कानपुर, के महिला प्रकोष्ठ के “राष्ट्रीय अध्यक्ष” के पद पर सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया। उत्तर भारत में जन्मी सीमा मिश्रा ने समाजशास्त्र की स्नातकोत्तर उपाधि श्री साहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर से प्राप्त की और सन् 1996 में सिकन्दराबाद-हैदराबाद महानगर के विद्वान “कान्यकुब्ज शिरोमणि” एवं उत्तर भारतीय संघ (रजि.) के प्रथम महामंत्री पं. बाला प्रसाद जी तिवारी, अध्यापक, ज्योतिषाचार्य एवं अधिवक्ता, के ज्येष्ठ पुत्र अधिवक्ता पं. अशोक कुमार तिवारी के साथ विवाह उपरांत इस महानगर, हैदराबाद में आकर 129 वर्षीय गुरुवर इकदिल, इटावा में जन्मे स्वामी शम्भु दयाल जी दुबे, डिप्टी डायरेक्टर ऑफ़ स्कूल एजुकेशन (से.नि.), ग्वालियर, मध्य प्रदेश, बाद लाल दास बाबा मठ, मच्छा बोलाराम, सिकन्दराबाद से निरंतर आर्शीवाद प्राप्त कर उच्च गहन शिक्षा प्राप्त की।
एम.ए.(हिन्दी), हिन्दी शिक्षण पारंगत (बी.एड.), स्नातकोत्तर डिप्लोमा अनुवाद (हिन्दी), एवं देश के शीर्षस्थ व्यंग्यकार ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता “कान्यकुब्ज शिरोमणि” पद्म भूषण पं. श्रीलाल शुक्ल के वृहत उपन्यास “रागदरबारी में राजनैतिक चेतना” पर अपना लघु शोधकार्य डॉ. जी. नीरजा के निर्देशन मे प्रस्तुत कर उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास की हैदराबाद केंद्र से प्रथम स्थान प्राप्त कर दिखलाया और नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली ने सीमा मिश्रा की शोध कृति “श्रीलाल शुक्ल के उपन्यास “रागदरबारी” का राजनैतिक संदर्भ (आलोचना) का सन् 2011 में प्रकाशन कर आंध्र प्रदेश हिन्दी अकादमी के सभागार में साहित्यकार-विद्वजनों के समक्ष “राष्ट्रीय संगोष्ठी” में लोकार्पण किया और आगे भी अपना लोहा मनवाने के लिए “पं. श्रीलाल शुक्ल के समग्र साहित्य का “समाजशास्त्रीय अध्ययन” विषय पर साहित्यकार पं. श्रीलाल शुक्ल से शोध साक्षात्कार आशीर्वाद उनके लखनऊ निवास पर प्राप्त कर श्रीलाल शुक्ल के साहित्य का लोक-सत्य, साहित्यिक सत्य एवं आध्यात्मिक सत्य का सुंदर समन्वयता को उजागर किया! उनकी कृतियां वैश्विक जागरूकता पैदा करके युवाओं को सही एवं सार्थक दिशा प्रदान करती हैं और व्यंग्यकार श्रीलाल शुक्ल के समग्र साहित्य का गहराई से विश्लेषण एवं मूल्यांकन करके शाश्वत सत्य को प्रतिष्ठित किया, और साहित्य में एक अनोखा रिसर्च कार्य केवल मात्र तीन (3) वर्षों के भीतर डॉ. जी. नीरजा के निर्देशन मे प्रस्तुत कर दिखलाया।
उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, (मद्रास) के हैदराबाद केंद्र से डॉक्ट्रेड की शोधोपाधि प्राप्त कर आगत आंचलिक एवं राजनीतिक संदर्भों को डॉ. सीमा मिश्रा ने शीर्षस्थ तक पहुंचाया, साथ ही शीर्षस्थ व्यंग्य साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल के जन्मोत्सव पर सन् 2008 से निरंतर देश / विदेशों के विद्वानों को आमंत्रित कर सन् 2019 में 12 वीं एक दिवसीय “राष्ट्रीय संगोष्ठी” सफलता पूर्वक हैदराबाद महानगर मे संपन्न किया, जिसमें साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने जीवन काल में चल दूरभाष माध्यम से संगोष्ठियों में सम्मिलित होकर डॉ. सीमा मिश्रा को आशीर्वाद भी प्रदान किया, आगे लेखिका डॉ. सीमा मिश्रा ने हस्ताक्षर अभियान शुरू कर श्रीलाल शुक्ल जी के साथ- साथ अन्य चार सुप्रसिद्ध लेखकों जिसमें (1) प्रो. बलवंत गार्गी, (2) भीष्म साहनी, (3) के.वी. पुट्टप्पा एवं (4) कृष्ण चंदर पर डाक विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली से निरंतर प्रयास कर देश में साहित्यकारों / लेखकों का प्रथम विशेष डाक टिकट निकलवा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।