खांसी,छींक,बातचीत व सांस लेने से ऐसे फैलता है दूसरों में संक्रमण


हिमांशु श्रीवास्तव 
जौनपुर। विश्वव्यापी कोरोना महामारी का संक्रमण खांसी आने,छींकने,बातचीत करने व सांस लेने से किस प्रकार फैलता है और किस प्रकार सावधानी बरतनी है।इसके बारे में अमेरिका व भारत के डॉक्टरों ने शोध किया जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि एक बार खांसी आने पर करीब 3000 बूंदें निकलती हैं जिन की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे होती है।बड़ी बूंदे गुरुत्वाकर्षण के कारण गिर जाती हैं लेकिन बहुत सी बूंद हवा में रहती हैं और कुछ सेकेंड में एक कमरे के बाहर तक जा सकती हैं।एक छींक करीब 30,000 बूंदों को छोड़ती है जिनकी रफ्तार 321 किलोमीटर प्रति घंटे रहती है।यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है तो एक खांसी या छींक में बूंदों में 20 करोड़ वायरस पार्टिकल्स हो सकते हैं।एक सांस में 50 से 50000 बूंदे छोड़ी जाती हैं। नाक से सांस लेने पर कम बूंदे निकलती हैं।महत्वपूर्ण है कि सांस छोड़ने के दौरान बल में कमी के कारण निकले श्वसन क्षेत्रों से वायरस पार्टिकल्स बाहर नहीं आ पाते।छींकने और खांसने के विपरीत सांस लेने में निकलने वाली बूंदों में वायरस का स्तर कम होता है। कोविड-19 को लेकर कोई संख्या निश्चित नहीं है लेकिन इंफ्लूएंजा को बतौर उदाहरण मान सकते हैं जैसे इन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति प्रति मिनट 33 संक्रामक वायरस पार्टिकल्स प्रति मिनट छोड़ सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि बाथरूम में कई स्पर्श करने योग्य सतह होती है जैसे दरवाजों के हैंडल,नल आदि। इस वातावरण में संक्रमण के प्रसार का खतरा ज्यादा हो सकता है इसलिए सार्वजनिक बाथरूम का इस्तेमाल अतिरिक्त सावधानी से किया जाना चाहिए।अगर आप किसी व्यक्ति के आमने-सामने हैं और बातचीत कर रहे हैं।इस दौरान वह सीधे आप पर छींकता या खांसता  है तो यह बहुत संभव है कि 1000 वायरल पार्ट्स आफ सांस के जरिए शरीर में ले जाते हैं और संक्रमित हो जाते हैं।यदि वह खांसी या छींक आपकी और नहीं थी तो भी छोटी से छोटी कुछ संक्रमित बूंदे कुछ मिनटों के लिए हवा में रह सकती हैं यह बूंदें एक सामान्य आकार के कमरे को संक्रामक वायरल पार्टिकल्स  से भर सकती हैं।जब आप इस कमरे में कुछ मिनटों के लिए सांस लेते हैं तो आप संक्रमित हो जाते हैं।सामान्य श्वास के साथ 20 वायरल पार्टिकल्स प्रति मिनट वातावरण में विचरण करते हैं और आप करीब 50 मिनट में 1000 वायरल पार्टिकल्स को ग्रहण करते हैं। वही बोलने से स्वसन बूंदों की रिहाई लगभग 10 गुना बढ़ जाती है और यह 200 वायरस पार्टिकल्स प्रति मिनट तक पहुंच जाती है जिससे करीब 5 मिनट में 1000 वायरल पार्टिकल्स को शरीर में पहुंचने में समय लगता है।आमने-सामने की स्थिति में यदि आप संक्रमित के साथ 10 मिनट से अधिक समय बिताते हैं तो आपके संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है।छींक और खांसी में इतने वायरस होते हैं जो पूरे कमरे को संक्रमित कर सकते हैं।संक्रमित होने के लिए किसी व्यक्ति को वायरस की एक संक्रामक खुराक की आवश्यकता होती है।उस स्थिति में संक्रमण हो सकता है जब कोई व्यक्ति एक हजार संक्रामक वायरल पार्टिकल्स एक सांस में या एक आंख को रगड़ने से प्राप्त करते हैं या फिर प्रत्येक साथ के सास के साथ सौ से अधिक वायरल पार्टिकल्स 10 से अधिक बार सांसो के जरिए शरीर में जाते हैं।इन सभी परिस्थितियों में संक्रमण हो जाता है।लॉक डाउन की पाबंदियां धीरे-धीरे हटने पर लोग अपनी पुरानी दिनचर्या में लौट रहे हैं।सुबह से शाम तक लोगों को कई स्थानों पर जाना होता है।ऐसी स्थिति में बहुत ही सजग और चौकन्ना रहना मास्क और फेस शील्ड का इस्तेमाल तथा लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अन्यथा संक्रमण फैलना लाजमी है।

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