धनन्जय सिंह मामले में वादी अभिनव ने दिया कलमबंद बयान
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जौनपुर। पूर्व सांसद धनंजय सिंह व विक्रम के मामले में सीजेएम के आदेश पर वादी अभिनव सिंघल का कलम बंद बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की अदालत में विवेचक द्वारा दर्ज कराया गया।जिला जज ने स्टेट द्वारा की गई पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर सीजेएम का पूर्व आदेश निरस्त कर फ्रेश आदेश का निर्देश दिया था।
बता दें कि 10 मई 2020 को प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंहल के अपहरण व रंगदारी का पूर्व सांसद धनंजय व विक्रम पर आरोप है।एफ आई आर दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी जेल में है। धनंजय पर ठेके को जबरन हासिल करने की बात को लेकर घटना कारित करने का आरोप है।गवाह सत्य प्रकाश ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था कि उसका 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज किया जाए।विवेचक ने यह प्रार्थना पत्र दिया कि वादी अभिनव सिंहल बार-बार बयान बदल रहा है इसलिए उसका 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया जाए।जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी किया कि विवेचना में हस्तक्षेप करना कोर्ट के लिए न्यायोचित नहीं है।इसके अलावा जब वादी ने घटना का समर्थन विवेचक को दिए बयान ने किया है तो 164 का उसका बयान अंकित कराने की क्या आवश्यकता है।कोर्ट ने आदेश दिया कि वादी और विवेचक मिलकर विवेचना को प्रभावित करना चाहते हैं लेकिन उन्हें कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने गवाह सत्य प्रकाश तथा विवेचक का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।इस आदेश के खिलाफ स्टेट ने जिला शासकीय अधिवक्ता के जरिये वादी का बयान लेने के सम्बन्ध में जिला जज की कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर किया।कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर सीजेएम के आदेश अविधिक बताते हुए निरस्त कर दिया। सीजेएम को निर्देश दिया कि दोनों पक्षों को सुनकर फ्रेश आदेश पारित करें। सीजेएम ने विवेचक को आदेश दिया कि वादी अभिनव का धारा 164 के तहत बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोर्ट में दर्ज कराएं जिस पर वादी का बयान दर्ज हुआ।
बता दें कि 10 मई 2020 को प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंहल के अपहरण व रंगदारी का पूर्व सांसद धनंजय व विक्रम पर आरोप है।एफ आई आर दर्ज होने के बाद दोनों आरोपी जेल में है। धनंजय पर ठेके को जबरन हासिल करने की बात को लेकर घटना कारित करने का आरोप है।गवाह सत्य प्रकाश ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था कि उसका 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज किया जाए।विवेचक ने यह प्रार्थना पत्र दिया कि वादी अभिनव सिंहल बार-बार बयान बदल रहा है इसलिए उसका 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया जाए।जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी किया कि विवेचना में हस्तक्षेप करना कोर्ट के लिए न्यायोचित नहीं है।इसके अलावा जब वादी ने घटना का समर्थन विवेचक को दिए बयान ने किया है तो 164 का उसका बयान अंकित कराने की क्या आवश्यकता है।कोर्ट ने आदेश दिया कि वादी और विवेचक मिलकर विवेचना को प्रभावित करना चाहते हैं लेकिन उन्हें कोर्ट की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने गवाह सत्य प्रकाश तथा विवेचक का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।इस आदेश के खिलाफ स्टेट ने जिला शासकीय अधिवक्ता के जरिये वादी का बयान लेने के सम्बन्ध में जिला जज की कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर किया।कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर सीजेएम के आदेश अविधिक बताते हुए निरस्त कर दिया। सीजेएम को निर्देश दिया कि दोनों पक्षों को सुनकर फ्रेश आदेश पारित करें। सीजेएम ने विवेचक को आदेश दिया कि वादी अभिनव का धारा 164 के तहत बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम कोर्ट में दर्ज कराएं जिस पर वादी का बयान दर्ज हुआ।