बर्खास्त शिक्षिका को दोबारा मिल गई नौकरी
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जौनपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में जालसाजों की इतनी गहरी पैठ है कि वर्ष 2011 में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जिस शिक्षिका को फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने के आरोप में बर्खास्त किया गया था, उसे इसी विभाग में फिर से नौकरी मिल गई है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर की गई है। मुख्यमंत्री से की गई शिकायत में दावा किया गया है कि वर्ष 2008-09 में एक महिला नियुक्ति मछलीशहर कस्तूरबा विद्यालय में हुई थी। जांच में उसका दस्तावेद फर्जी पाया गया तो वर्ष 2011 में तत्कालीन बीएसए धीरेंद्रनाथ सिंह ने उस शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया था। यह भी दावा किया गया है कि वह शिक्षिका फर्जीवाड़े में गिरफ्तार बीएसए कार्यालय के डीसी ईएमआईएस आनंद सिंह की रिश्तेदार है और उसे समय बीतने के साथ जिले के एक विकास खंड में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नौकरी दे दी गई। मौजूदा समय में वह बाकायदा सेवा में है। बीएसए कार्यालय में तैनात रहा फार्जीवाड़े के मास्टरमाइंड की कृ पा पर वह नौकरी कर रही है। जिस शिक्षिका का वर्ष 2011 में दस्तावेज फर्जी मिले थे उसके प्रमाण पत्र कैसे सही हो गए इसे लेकर विभाग में भी खूब चर्चा हो रही है।