भ्रष्टाचार के आरोप में हटाये गये अधिशाषी अभियंता
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जौनपुर। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के अधिशाषी अभियंता को सरकार ने हटा दिया है। उनके हटाने के पीछे बताया जा रही है कि वे नगर में चल रहे कार्यो में जमकर भ्रष्टाचार कर रहे है। जिसके कारण सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। स्वच्छ गोमती अभियान के लोगो का दावा है कि मेरी शिकायत पर उन पर गाज गिरी है।
स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने बताया कि जौनपुर शहर में stp कार्य मे हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पर जलनिगम के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार यादव को हटा दिया गया। उन्होंने बताया कि बीते पांच जून को इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, जलशक्ति मंत्री व प्रबंध निदेशक जलनिगम को पत्र भेजकर अवगत कराया गया कि जौनपुर में नमामि गंगे योजना के तहत हो रहे stp निर्माण कार्यों में गम्भीर रूप से आर्थिक व तकनीकी रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहा है, 72MLD के न्यूनतम अपेक्षित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के स्थान पर किस प्रकार से कूटरचना करते हुए मात्र 30MLD के फर्जी प्रोजेक्ट पर STP का निर्माण हो रहा है, साथ ही STP की स्वीकृत डिजाइनिंग व मानक के साथ भी मौके पर खिलवाड़ व पैसे को बंदरबांट की नीयत से तमाम चीजों में मनमाना परिवर्तन करके सीधे सरकारी धन का दुरुपयोग व भ्रष्टाचार किया जा रहा है, साथ ही इनके द्वारा शासनादेश का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए पैसे की बंदरबांट की नीयत से जौनपुर में जलनिगम द्वारा लगाए जा रहे इंडिया मार्का हैंडपंप के प्रीकॉस्ट, व चौकी (जोकि हैंडपम्प के किनारे गोल चबूतरा बनता है व उसकी ड्रेन पाइप) की आपूर्ति अपने सगे रिश्तेदारों की फर्मों से लिया गया, जबकि शासनादेश में स्पष्ट उल्लिखित है कि कोई भी अधिशासी अभियंता इस बाबत स्वयं के स्तर पर हैंडपंप के किसी समान की खरीद न करके, सम्बंधित आपूर्ति के लिए मैटेरियल मैनेजर (जलनिगम लखनऊ) को अपना डिमांड लेटर भेजेगा जिसके सापेक्ष शासन स्तर पर लखनऊ से ही मैटेरियल मैनेजर (जलनिगम लखनऊ) द्वारा इन समानों की आपूर्ति की जाएगी, किंतु भरष्टाचार की नीयत से इनके द्वारा सभी नियम कानून ताक पर रखकर काम किया गया। ऐसे में मजबूरन स्वच्छ गोमती अभियान को शासन स्तर पर इनकी लिखित शिकायत करनी पड़ी, जिसमे अभियान द्वारा स्पष्ट रूप से बेहद शीघ्र इन्हें जौनपुर हटाये जाने की मांग भी रखी गयी, जिसके आधार पर इन्हें यहां से हटाया गया।
स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने बताया कि जौनपुर शहर में stp कार्य मे हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पर जलनिगम के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार यादव को हटा दिया गया। उन्होंने बताया कि बीते पांच जून को इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, जलशक्ति मंत्री व प्रबंध निदेशक जलनिगम को पत्र भेजकर अवगत कराया गया कि जौनपुर में नमामि गंगे योजना के तहत हो रहे stp निर्माण कार्यों में गम्भीर रूप से आर्थिक व तकनीकी रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहा है, 72MLD के न्यूनतम अपेक्षित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के स्थान पर किस प्रकार से कूटरचना करते हुए मात्र 30MLD के फर्जी प्रोजेक्ट पर STP का निर्माण हो रहा है, साथ ही STP की स्वीकृत डिजाइनिंग व मानक के साथ भी मौके पर खिलवाड़ व पैसे को बंदरबांट की नीयत से तमाम चीजों में मनमाना परिवर्तन करके सीधे सरकारी धन का दुरुपयोग व भ्रष्टाचार किया जा रहा है, साथ ही इनके द्वारा शासनादेश का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए पैसे की बंदरबांट की नीयत से जौनपुर में जलनिगम द्वारा लगाए जा रहे इंडिया मार्का हैंडपंप के प्रीकॉस्ट, व चौकी (जोकि हैंडपम्प के किनारे गोल चबूतरा बनता है व उसकी ड्रेन पाइप) की आपूर्ति अपने सगे रिश्तेदारों की फर्मों से लिया गया, जबकि शासनादेश में स्पष्ट उल्लिखित है कि कोई भी अधिशासी अभियंता इस बाबत स्वयं के स्तर पर हैंडपंप के किसी समान की खरीद न करके, सम्बंधित आपूर्ति के लिए मैटेरियल मैनेजर (जलनिगम लखनऊ) को अपना डिमांड लेटर भेजेगा जिसके सापेक्ष शासन स्तर पर लखनऊ से ही मैटेरियल मैनेजर (जलनिगम लखनऊ) द्वारा इन समानों की आपूर्ति की जाएगी, किंतु भरष्टाचार की नीयत से इनके द्वारा सभी नियम कानून ताक पर रखकर काम किया गया। ऐसे में मजबूरन स्वच्छ गोमती अभियान को शासन स्तर पर इनकी लिखित शिकायत करनी पड़ी, जिसमे अभियान द्वारा स्पष्ट रूप से बेहद शीघ्र इन्हें जौनपुर हटाये जाने की मांग भी रखी गयी, जिसके आधार पर इन्हें यहां से हटाया गया।