चोटें न दिखाने पर फंसे पुलिसकर्मी व चिकित्साधिकारी
https://www.shirazehind.com/2020/07/blog-post_97.html
जौनपुर। पुलिस अपने कारनामों के कारण आए दिन चर्चा में बनी रहती है।इस बार तो डॉक्टर भी पुलिस के साथ गुनाहगार बन बैठे।आरोप है कि मुल्जिम को गिरफ्तार कर जुर्म स्वीकारने के लिए उसे थर्ड डिग्री दी गई।पुलिस ने डॉक्टर से मेडिकल कराया तो चोटें नील दिखाई गई और जब जेल में कोर्ट के आदेश से मेडिकल हुआ तो बंदी के शरीर पर चोटें पाई गई। वादिनी की दरखास्त पर लाइनबाजार थाने के 6 पुलिसकर्मी व चिकित्साधिकारी पर वाद दर्ज हुआ।
सिकरारा थाना क्षेत्र की रहने वाली वादिनी ने अदालत में धारा 156(3) के तहत लाइन बाजार थाने के 6 पुलिसकर्मियों व चिकित्साधिकारी के खिलाफ दरखास्त दिया कि उसकी पुत्री ने बदलापुर के थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।इसी रंजिश को लेकर 16 अगस्त 2019 की रात लाइनबाजार थाने के छह- सात पुलिसकर्मी जबरन उसके घर में घुस आए तथा उसके बेटे राजा को मरते हुए थाने पर ले गए।थाने पर ले जाकर उसे थर्ड डिग्री दी जिससे उसे पेशाब से खून आने लगा। पुलिसकर्मियों ने वादिनी के पुत्र का फर्जी चालान विभिन्न धाराओं में करके कोर्ट में प्रेषित किया।पुलिस द्वारा वादिनी के बेटे का जिस चिकित्साधिकारी से मेडिकल कराया गया उसमें उसके शरीर पर चोटें दिखाई गईं।जिस पर वादिनी ने अदालत में दरखास्त कि उसके बेटे को पुलिस ने बेरहमी से मारा पीटा है तथा फर्जी ढंग से फंसाया है। उसका मेडिकल कराया जाए।कोर्ट के आदेश पर जेल अधीक्षक ने वादिनी के बेटे का जेल में मेडिकल कराया। जेल के डॉक्टर द्वारा कराए गए मेडिकल में वादिनी के पुत्र के शरीर पर कई चोटें पाई गई।वादी ने ने डीजीपी, मुख्यमंत्री,मानवाधिकार आयोग,प्रधानमंत्री तक को दरखास्त देकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए न्याय की गुहार लगाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तब उसने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सिकरारा थाना क्षेत्र की रहने वाली वादिनी ने अदालत में धारा 156(3) के तहत लाइन बाजार थाने के 6 पुलिसकर्मियों व चिकित्साधिकारी के खिलाफ दरखास्त दिया कि उसकी पुत्री ने बदलापुर के थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।इसी रंजिश को लेकर 16 अगस्त 2019 की रात लाइनबाजार थाने के छह- सात पुलिसकर्मी जबरन उसके घर में घुस आए तथा उसके बेटे राजा को मरते हुए थाने पर ले गए।थाने पर ले जाकर उसे थर्ड डिग्री दी जिससे उसे पेशाब से खून आने लगा। पुलिसकर्मियों ने वादिनी के पुत्र का फर्जी चालान विभिन्न धाराओं में करके कोर्ट में प्रेषित किया।पुलिस द्वारा वादिनी के बेटे का जिस चिकित्साधिकारी से मेडिकल कराया गया उसमें उसके शरीर पर चोटें दिखाई गईं।जिस पर वादिनी ने अदालत में दरखास्त कि उसके बेटे को पुलिस ने बेरहमी से मारा पीटा है तथा फर्जी ढंग से फंसाया है। उसका मेडिकल कराया जाए।कोर्ट के आदेश पर जेल अधीक्षक ने वादिनी के बेटे का जेल में मेडिकल कराया। जेल के डॉक्टर द्वारा कराए गए मेडिकल में वादिनी के पुत्र के शरीर पर कई चोटें पाई गई।वादी ने ने डीजीपी, मुख्यमंत्री,मानवाधिकार आयोग,प्रधानमंत्री तक को दरखास्त देकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए न्याय की गुहार लगाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तब उसने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।