जौनपुर। शहीदी दिवस के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने धनियांमऊ शहीद स्मारक पर रविवार को शहीदों को नमन किया। इस मौके पर शहीद जमींदार सिंह के प्रपौत्र डॉ प्रभात विक्रम सिंह ने कहा कि 1942 में कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में महात्मा गांधी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ और ‘करो या मरो’ का नारा दिया तो आंदोलन की चिंगारी समूचे देश में फैल गई थी। जौनपुर भी आंदोलन की उस चिंगारी से अछूता नहीं था। युवा क्रांतिकारियों की टोली अंग्रेजी हुकूमत से मुकाबले को बेचैन हो उठी थी।
जो जहां था वहीं सरकारी काम में किसी भी तरह बाधा डालने की कोशिश में लग गया था। डाकघर लूट की योजना को अंजाम देने के लिए धनियामऊ पुल पर अंग्रेजी फौज से क्रांतिकारियों का सामना हुआ। इस दौरान चार क्रांतिकारी शहीद हुए थे जबकि कई घायल हुए थे।
बक्शा और बदलापुर आदि इलाके के क्रांतिकारियों की टोली ने बदलापुर में स्थित डाकखाने को लूटने की योजना बनाई। इसके लिए जिला मुख्यालय और बदलापुर का संपर्क तोड़ने की योजना बनाई गई। 15 अगस्त की रात में ही धनियामऊ में स्थित नाले पर बने पुल को तोड़ने की रणनीति तैयारी की गई।
अगले दिन 16 अगस्त 1942 को सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दे दी गई। टीम के कुछ क्रांतिकारियों को जौनपुर और बक्शा की तरफ से आने वाली फोर्स को रास्ते में रोकने की जिम्मेदारी दी गई। एक टोली को बदलापुर डाकखाने को लूटने और तीसरी टोली को पुल तोड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी।
क्रांतिकारियों की टीम जब बक्शा थाने पहुंची तो पता चला वहां भारी फोर्स तैनात है। सभी वापस धनियामऊ पुल पर पहुंच गए। पुल तोड़ने का काम शुरू हो गया। इसी बीच जौनपुर की ओर से फोर्स भी आ गई। क्रांतिकारी और अंग्रेजी हुकूमत के सिपाहियों से मुकाबला शुरू हो गया।
अंग्रेजों ने गोली चलाई तो उसका मुकाबला क्रांतिकारियों ने ईंट पत्थर और लाठी से किया। अंग्रेजों की गोली से रामपदारथ चौहान, राम निहोर कहार, जमींदार सिंह, रामअधार सिंह शहीद हो गए। रामभरोस, भोला, बचई मिश्र, छत्रपाल सिंह समेत दर्जन भर लोग घायल हो गए।
अंधाधुंध चल रही गोली के बाद भी क्रांतिकारियों ने एक इंस्पेक्टर की बुरी तरह पिटाई कर दी थी। पिटाई से घायल इंस्पेक्टर की कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी। धनियांमऊ पुल कांड में शहीद हुए क्रांतिकारियों की याद में घटना स्थल के निकट ही भव्य स्मारक का निर्माण कराया गया है। जहां प्रति वर्ष 16 अगस्त को शहीद मेला लगता है।
इस मौके पर कांग्रेसी नेता इंद्रमणि दूबे, जयशंकर दूबे, चंद्रभान सिंह समेत भारी संख्या में लोगो ने शहीद जमीदार सिंह के स्तम्भ पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन कर उनकी शहादत को याद किया ।
इस दौरान विवेक सिंह राजा, समाजसेवी अशोक सिंह, बक्शा ब्लॉक प्रमुख सजल सिंह, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेश सिंह, काँग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज, सत्यवीर सिंह, विशाल सिंह हुकुम, डॉ. मनोज सिंह सोमवंशी, देवराज पाण्डेय, आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन प्रत्येक वर्ष शहीद जमींदार सिंह के प्रपौत्र डॉ प्रभात विक्रम सिंह जी कराते है ।। अन्त में डॉ. प्रभात विक्रम सिंह ने सभी लोगो के प्रति आभार प्रकट किया।