आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे शिक्षक

 


 लखनऊ ।  आईएएसई प्रयागराज एवम एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे एनईपी-2020 व्याख्यानमाला के पांचवे एपिसोड का शुभारम्भ करते हुए अपर शिक्षा निदेशक /प्राचार्य आईएएसई ललिता प्रदीप ने कहा कि अध्यापक शिक्षा ही वह नींव है जिस पर आने वाली पीढ़ियों की बुनियाद रखी जाती है एनईपी 2020 में वर्णित *शिक्षक शिक्षा* विषय पर अतिथि वक्ता संयुक्त निदेशक एससीईआरटी अजय कुमार सिंह ने चर्चा करते हुए कहा कि 2030 तक शैक्षिक रूप से उत्कृष्ट शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र ही संचालित होंगे ध्यातव्य है कि शिक्षक शिक्षा संस्थान सरकारी और निजी स्कूलों से जुड़ा नेटवर्क बनाएंगे, शिक्षक बनने हेतु चार, दो व एक वर्षीय बीएड कार्यक्रम स्कूली शिक्षको की न्यूनतम डिग्री योग्यता होगी,उन्होंने कहा कि शिक्षकों की प्रोफाइल में विविधता होनी चाहिए साथ ही,पीएच-डी के दौरान शोध को अनुभव समृद्ध बनाया जाएगा , राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों के पेशेवर विकास के साथ उनमे मानवीय मूल्यों के प्रति लगाव उत्पन्न किया जाना आवश्यक होगा। सलाह के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया जाएगा जिसमे वरिष्ठ संकाय सदस्य शामिल होंगे श्रीमती अंजना पांडेय प्रवक्ता आईएएसई ने कहा कि अध्यापक शिक्षा का उद्देश्य भारतीय मूल्यों ,ज्ञान,लोकाचार एवम परम्परा को स्थापित करते हुए इसकी विश्वसनीयता को बहाल करना है जिसके सतत विकास हेतु सेवारत प्रशिक्षणों को रचनात्मक और डिजिटल बनाया जाएगा।। सत्र में आये हुए प्रश्नों पर अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप ने अपने विचार रखते हुए ज़ूम,फ़ेसबुक, यूट्यूब ,ट्विटर माध्यमो से वेबिनार में सम्मिलित रहे सभी के प्रति आभार जताया। सत्र का संचालन एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैम्पस यूपी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जयंती श्रीवास्तव ने किया।

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