प्रबंधतंत्र कोरोना के बहाने कर रहा है शिक्षकों का शोषण

  

जौनपुर : अनुदानित महाविद्यालय/विश्वविद्यालय अनुमोदित शिक्षक संघ, जौनपुर इकाई ने आज कुलसचिव को ज्ञापन देकर शिक्षकों को वेतन दिलाने की मांग की। शिक्षकों का आरोप है कि विश्वविद्यालय से संबद्ध अधिकांश अनुदानित महाविद्यालयों में चल रहे स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में शिक्षकों को फरवरी माह के बाद से ही वेतन नहीं दिया जा रहा है। जनपद में दो चार महाविद्यालय ही ऐसे हैं जो शिक्षकों को वेतन का भुगतान कर रहे हैं। प्रबंधतंत्र कोरोना का बहाना बनाकर शिक्षकों का शोषण कर रहा है और शिक्षक 5 महीने से वेतन न पाने के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ सुशील मिश्रा ने कहा कि शैक्षिक सत्र 2019- 20 की पूरी फीस प्रबंधकों द्वारा वर्ष 2019 में ही जुलाई और अगस्त महीने में वसूली गई थी और उनके पास शिक्षकों को वेतन देने के लिए जून 2020 तक पैसा पड़ा हुआ है। शासनादेशों के अनुसार शिक्षकों को वेतन पूरे 12 माह मिलना चाहिए, लेकिन प्रबंधक कोरोना का बहाना बनाकर शिक्षकों को फरवरी के बाद वेतन नहीं दे रहे हैं। प्रबंधकों की मनमानी पर विश्वविद्यालय द्वारा लगाम न लगाना समझ से परे है। महामंत्री डॉ पारूली सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर निजी महाविद्यालयों से कहा था कि वह लॉकडाउन में शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन भुगतान करेंगे बावजूद इसके महाविद्यालयों के प्रबंधक शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं। विश्वविद्यालय कुंभकर्णी नींद सो रहा है और शिक्षक भूखों मर रहे हैं। यदि समय रहते विश्वविद्यालय प्रबंधकों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही नहीं करता है ,तो शिक्षक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। ज्ञापन देने वालों में उपाध्यक्ष डॉ पति राम राम राव,महामंत्री डॉ पारुली सिंह संयुक्त मंत्री,डॉ संदीप कुमार यादव डॉ चंद्रा अंबुज कश्यप,डॉ संतोष कुमार पांडे,डॉक्टर त्रिपुरारी उपाध्याय आदि लोग मौजूद रहे।

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