सकारात्मक व्यवहार द्वारा आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है

   

जौनपुर। तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर एक दिवसीय ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसका शीर्षक "सुसाइड: प्लांड ऑर इम्पल्सिव" था। सेमिनार का शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सरोज सिंह ने अतिथियों का स्वागत कर किया। महाविद्यालय के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन की शुभकामना देते हुए अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
 मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो ए वी एस मदनावत जिन्होंने समाज के बीच से ही उद्धरणों को लेकर आत्महत्या से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। संगोष्ठी को डॉ जगदीश चंद्र दीक्षित, पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, टी डी कालेज, डॉ के के मिश्र, व्यवहारिक मनोविज्ञान विभाग, फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि सकारात्मक व्यवहार द्वारा आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है। पेशेवर साइकोलाजिस्ट की संख्या में बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन संगोष्ठी के संयोजक तथा अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने किया। विषय प्रवर्तन आयोजन सचिव डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता द्वारा किया गया। अंत में सभी वक्ताओं के सर को व्यक्त करते हुए अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ वंदना दुबे जी ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी के संचालन में तकनीकी सहयोगियों के रूप में अंग्रेजी विभाग के श्री कुँवर शेखर गुप्ता एवं लिपिक चंद्र प्रकाश गिरी का सराहनीय योगदान रहा।

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