छेड़खानी की धारा हटाने में फसे दरोगा जी

  जौनपुर।  अपर सत्र न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) कोर्ट ने छेड़खानी व मारपीट के मामले में लापरवाहीपूर्ण विवेचना के मामले में कोर्ट ने विवेचक के खिलाफ वाद दर्ज कर थाने से रिपोर्ट तलब की है। 

 शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने विवेचक एसआइ महेश सिंह के विरुद्ध कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। उनके मुताबिक 22 मई 2020 को उनकी 13 वर्षीय पुत्री को घर के पीछे अकेली पाकर पड़ोसी ज्ञानेंद्र ने दुराचार करने की नीयत से छेड़खानी की। बेटी के शोर मचाने पर घर के लोग पहुंच गए। आरोपित ज्ञानेंद्र के स्वजन भी आ गए। आरोपित व उसके स्वजनों ने मुझे व परिवार के अन्य सदस्यों को पीटकर घायल कर दिया। तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध छेड़खानी, हत्या के प्रयास आदि धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज हुई। विवेचक आरोपितों से सांठगांठ कर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे थे। कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने पर पीड़िता का 27 जून को बयान दर्ज हुआ। पीड़िता ने घटना की पुष्टि की। मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराए बिना विवेचक ने मुकदमे से छेड़खानी की धारा हटाकर सीओ के यहां आरोप पत्र भेज दिया। सीओ ने 30 जुलाई को तीन दिन के अंदर पीड़िता का बयान कराने का विवेचक को आदेश दिया। उल्लेख किया कि विवेचक ने घोर लापरवाही बरती है। इस पर 17 अगस्त को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान हुआ। पीड़िता के घटना की पुष्टि करने के बावजूद विवेचक द्वारा छेड़खानी की धारा हटा दी और पाक्सो एक्ट की धारा नहीं बढ़ाई। न ही आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की।

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