नई शिक्षा नीति शोध और नवाचार के लिए मील का पत्थर साबित होगा: डॉ० रामदीन पवार
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नागपुर विश्वविद्यालय के वक्ता डॉ० विजय बी० पावडे ने बताया कि नई शिक्षा नीति में शोध के अनुरूप व्यावसायिक व शोध परक शिक्षा को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किए जाने पर जोर दिया गया है । उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं शोध एक दूसरे के पूरक होते हैं तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जो कि नई शिक्षा नीति अभिन्न अंग है । कार्यक्रम के समन्वयक एवं अध्यक्ष प्रो० देवराज सिंह ने अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम के विषय-वस्तु की रूप रेखा करते हुए नई शिक्षा नीति के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा व शोध को विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही । कार्यक्रम का संचालन डॉ० सुजीत कुमार चौरसिया ने तथा आयोजन सचिव डॉ काजल कुमार डे ने कार्यक्रम के वक्ताओं का परिचय किया । कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ धीरेंद्र कुमार चौधरी ने कार्यक्रम में आये हुए सभी अतिथियों व प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकायों के प्रमुख, प्राध्यापकगण प्रो० वंदना राय, प्रो० मानस पाण्डेय, प्रो० अजय द्विवेदी, डॉ० प्रमोद कुमार यादव, डॉ० गिरधर मिश्रा, डॉ० प्रमोद कुमार, डॉ० राकेश कुमार यादव, डॉ० रजनीश भास्कर, डॉ० पुनीत कुमार धवन, डॉ० आशीष वर्मा, डॉ० आलोक दास, श्री सौरभ कुमार सिंह, श्री दीपक कुमार मौर्य, श्री नवीन चौरसिया, डॉ० शक्ति प्रताप सिंह एवं विभिन्न विभागों के शोध छात्रों के साथ-साथ दूसरे संस्थानों के शोध छात्र तथा प्राध्यापक डॉ० के० सक्तिपाणी (एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई) आदि उपस्थित रहे व उत्साहपूर्व प्रतिभाग किया ।