बीएड की मूल्यांकन शुरू होते ही परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का किया बहिष्कार
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू होते ही परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया। उसके बाद कुलपति कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। अधिकारियों से वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बनी तो परीक्षक बंडल जमा कर वापस लौट गए।
बीएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सोमवार से शुरू हुआ। पहले दिन करीब 200 परीक्षक मूल्यांकन कार्य में उपस्थिति दर्ज कराई। एक दर्जन परीक्षकों ने मूल्यांकन कार्य शुरू किया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान परीक्षक एकजुट होकर कुलपति कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। जिसमें मुख्य तीन मांगें रखी गई।
कहा कि बीएड सेमेस्टर की कापियों का मूल्यांकन छह माह पूर्व हुआ था, लेकिन अभी तक उसका पारिश्रमिक नहीं मिला है। जिसका अविलंब भुगतान कराया जाए। बीएड के प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर की मौखिक परीक्षा संपन्न कराई जाए। कहा कि जब लिखित परीक्षा हुई है तो मौखिक कराने में परहेज क्यों, डीए को लेकर भेदभाव किया जा रहा है।
वित्तपोषित कालेजों के परीक्षक को डीए 540 रुपये व स्ववित्तपोषित कालेजों के परीक्षकों को 240 रुपये दिया जा रहा है।
भेदभाव खत्म कर डीए एक सामान किया जाए। प्रदर्शन के दौरान कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय ने पहुंचकर समझाने का प्रयास किया, लेकिन मूल्यांकन की सहमति नहीं बनी। परीक्षक मांगों को लेकर अड़े रहे। इस मौके पर डा. विनोद सिंह वत्स, डा. राकेश प्रताप सिंह, डा. संदीप, डा. कुमुद त्रिपाठी, डा. अनुपम शुक्ल, डा. वीरेंद्र यादव, डा. सुनील त्रिपाठी, डा. जेपी दुबे, डा. धीरेंद्र सिंह, डा. विजय प्रकाश आदि मौजूद थे।