भूसे की महगांई की मार पर मरहम लगा रही है चारागाहों की हरियाली
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जौनपुर। गेहूं के दामों में उछाल के कारण इस वर्ष लक्ष्य के अनुसार गेहूं की खरीदारी जनपद में नहीं हो सकी । इस वर्ष गेहूं के मूल्य में तेजी के साथ भूसे के मूल्य में भी तेजी देखी जा रही है। मछलीशहर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला भूसा इस समय क्वालिटी के अनुसार 700 रुपए से लेकर 900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है जिसे जौनपुर शहर में ग्रामीण इलाकों से ले जाकर व्यापारी 1000 से 1200 रुपए क्विंटल तक बेच ले रहे हैं। भूसे के साथ- साथ चोकर के मूल्य में भी तेजी देखी जा रही है जनवरी महीने में 2500 से 2600 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला चोकर इस समय 3100 से 3200 रुपए क्विंटल तक बिक रहा है। भूसे और चोकर की महगांई से परेशान पशुपालकों के लिए बारिश से काफी सीमा तक राहत मिली है। ग्रामीण इलाकों में पशुपालक अपनी गाय,भैस, भेड़, बकरियों को चराकर काफी राहत महसूस कर रहे हैं। चारागाहों में अच्छी खासी घास उग जाने से सुबह-शाम जानवरों को चराने से उन्हें भूसा और चोकर कम देने से भी काम चल जा रहा है।यह विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी का दृश्य है जहां भेड़ों को चराने वाले राम सरन पाल कहते हैं कि गर्मी में जहां भेड़ बकरियों का दिन भर चराई से पेट ठीक से नहीं भरता था लेकिन चारागाहों के बारिश के बाद गुलजार होने से भेड़ बकरियों को भरपूर चारा मिल रहा है।गायों और भैंसों को भी चराने से भूसा कम मात्रा में देना पड़ रहा है जिससे पशुपालकों पर भूसे की महगांई की मार से काफी सीमा तक राहत मिली है।