राम जीवन के प्रत्येक सम्बन्ध को जीने की कला का आधार:संत रघुवरदास
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जौनपुर। राम जीवन के प्रत्येक सम्बन्ध चाहे वह गुरु- शिष्य,पति-पत्नी, बड़े भाई -छोटे भाई, राजा-प्रजा, मित्र-मित्र, पिता-पुत्र, माता-पुत्र, भगवान-भक्त, दुश्मन - दुश्मन,सेनानायक - सेना सबके सब को कैसे जीना है इन सब के बारे में समाज का मार्गदर्शन करते हैं।राम का आचरण हम सबके लिए हर सम्बन्ध को कैसे जीना है।हर सम्बन्ध की गरिमा किस रुप में कैसे स्थापित किया जाये।इसकी कला के जगत के आधार राम ही हैं।ये बातें संत रघुवरदास जी महराज ने विकास खंड मछलीशहर के गांव तिलौरा स्थित राम-जानकी मठ पर सोमवार से शुरू हुई तीन दिवसीय शिव कथा के पहले दिन संगीतमय कथा को कहते हुए कही।
आपको बताते चलें कि राम-जानकी मठ तिलौरा पर मठ के मठाधीश रवीन्द्र जी महराज का बीते तीन जुलाई से श्रावणीय मौन तपो अनुष्ठान जारी है जो 31अगस्त तक चलेगा।मठ पर अखंड दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रतिदिन सुबह शाम शिव पूजा जलाभिषेक तथा शाम को कीर्तन और भण्डारा चल रहा है।इसी क्रम में सोमवार से संगीतमय शिव कथा वाचन का आयोजन किया गया है।31 अगस्त को अनुष्ठान के आखिरी दिन सुबह भगवान शंकर की मूर्ति स्थापना और शाम को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
आज की शिवकथा को सुनने के लिए बामी, तिलौरा, करौरा, खरैयामऊ,भाटाडीह, कल्याणपुर, जगदीशपुर, सेमरहो, रामगढ़,अदारी आदि गांवों के भक्तगण परिसर में मौजूद रहे।