जन सहयोग से पूरा हुआ किडनी ट्रांसप्लांट, चन्द्रकान्त को मिला नया जीवन
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जौनपुर। मामला विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी के चन्द्रकान्त उपाध्याय का है जो मुम्बई में रहकर आटो रिक्शा चलाते थे और उनकी दोनों किडनियां खराब हो गई थी और तीन वर्ष से डायलिसिस पर चल रहे थे। लगातार बीमारी की वजह से आर्थिक स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई इसी बीच चंद्रकांत के माता जी का निधन,फिर 10 वर्षीय पुत्र का सर्पदंश से निधन और पिताजी को दिल का दौरा पड़ने की वजह से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा ।जीवन बचाने का एक मात्र रास्ता किडनी ट्रांसप्लांट था उनकी पत्नी ने अपनी किडनी डोनेट करने का निर्णय लिया लेकिन ट्रान्सप्लांट और उसके बाद दवा में कुल आठ लाख रुपए का खर्च था। जिसके लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर इनके इलाज के लिए मुहिम चलाई गई जिसमें प्रिन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों ने भी सहयोग किया।खबर के क्षेत्र में फैलते ही बामी सहित क्षेत्र के अनेक गांवों के क्षेत्रवासियों और गुजरात, महाराष्ट्र में रह रहे लोगों ने बढ़ चढ़ कर सहयोग किया।बानर सेना के प्रमुख अजीत सिंह ने भी अपने संगठन की ओर से आर्थिक सहयोग किया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2,62,500 रुपए की भी सहायता चिकित्सा हेतु मिली और कुल मिलाकर आठ लाख रुपए की राशि इकठ्ठा हो गई।10 मार्च 2023 को मुम्बई के के एम हास्पिटल में सफलता पूर्वक आपरेशन हुआ और दवा चल रही है।वह स्वस्थ होकर गांव आ गये हैं और उनके इलाज में सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों को उन्होने धन्यवाद दिया है।
ट्रान्सप्लांट के लिए सोशल मीडिया पर प्रमुख रूप से मुहिम चलाने वाले सीआरपीएफ मे कार्यरत और चंद्रकान्त के मित्र बामी के ही संजीव सिंह कहते हैं कि चन्द्रकान्त के किडनी ट्रांसप्लांट में लोगों और संगठनों ने जो सहयोग किया है इससे समाज में भाईचारे की मिशाल का सकारात्मक संदेश गया है लोगों ने मानवता की मिशाल पेश की है।इससे हम सबको भविष्य मे अन्य किसी की मदद के लिये सकारात्मक ऊर्जा मिली है ।