मां—बाप को ढूढ़ती रहीं बच्चों की निगाहें
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जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के विगही जमालपुर हीरापुर गांव की दलित बस्ती में सोमवार की रात को पति तथा पत्नी ने एक ही साड़ी के फंदे से फाँसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। मौत के बाद गांव में गम का माहौल रहा। दूसरे दिन भी घरों में चूल्हे नहीं जले। रह—रहकर घरों से सिसकियों की आवाज आती रही। परिजनों—रिश्तेदारों का आना लगा रहा है। जैसे ही कोई रिश्तेदार पहुंचता, गली—मोहल्ले से रूदन सुनाई देने लगती। सभी परिजनों को ढांढस बंधाते रहे।मालूम हो कि उक्त गांव निवासी रमेश कुमार व पत्नी मोनी कुमारी सोमवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। रमेश राजगीर मिस्त्री का काम करता था। गांव में दो लोगों की मौतों से गम का माहौल है। मृतकों के घर सहित आस—पास में दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले। पूरा गांव शोक में डूब गया। गांव की गलियों में रुक—रुक करके सिसकियां सुनाई दे रही हैं। गांव की गलियां वीरान नजर आ रही हैं। मृतकों के घर पर रिश्तेदारों का आना—जाना लगा हुआ है। हर कोई नियति का फेर बताकर परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहा है। बाहर से किसी रिश्तेदार के घर आते ही परिजनों का मन विचलित हो उठता है। फिर से रुदन सुनाई देने लगता है।
बेटियों के सर से उठा मां—बाप का सहारा
रमेश कुमार व उनकी पत्नी मोनी के मौत के बाद नादान अनन्या व प्रियांशी के सर से मां—बाप का सहारा उठ गया। दोनों की निगाहें अभी तक अपने माँ बाप को ढूढ़ रही हैं। किसी तरह से घर के लोग व बूढ़ी दादी कैसे भी समझाकर बच्चों को अपने पास रख रही है। अभी तक बच्चे समझ नहीं पा रहे हैं कि मेरे माता—पिता क्यों दिखाई नहीं दे रहे हैं? बच्चों को देखकर दादी को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या बताए बच्चों से? आखिरकार आज नहीं तो कल बच्चों को समझ में आ जायेगा कि हमारे सर से माँ व बाप का सहारा कब का उठ चुका है।
8 महीने पहले रमेश ने बेचा था जमीन
रमेश कुमार ने 8 महीने पहले गाँव में ही एक जमीन को बेच दिया था जो उसकी पुस्तैनी जमीन थी। गाँव के ही एक आदमी को उसने अपनी 5 बिस्वा जमीन करीब लगभग 7 लाख रुपये में बेच दिया था। उधर 5 समूहों से लगभग लाखों का कर्ज ले रखा था। एक गाड़ी भी लोन पर ले रखा था।