हिंदुस्तान में आतंक फैलाने के लिए कराए विस्फोट
हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर-अभियोजन के अनुसार मुहीबुल निवासी बांग्लादेश ने तिहाड़ जेल में एसीपी को बयान दिया था कि श्रमजीवी मैं आरोपियों द्वारा आरडीएक्स रखकर विस्फोट करने का उद्देश्य हिंदुस्तान में आतंक फैलाना था। साथ ही भारत मे लोगों को मार कर नकली नोट चलाकर जेहाद करना था। जिससे दुनिया देखे, आतंक फैले तथा भारत व यहां के लोग तबाह हों।
कहां बनी योजना व रखा गया बम
जौनपुर बांग्लादेश के राजशाही में डॉक्टर सईद व याहिया के नेतृत्व में भारत में ट्रेन में विस्फोट की मीटिंग की बाद आरोपी हूजी संगठन के हिलाल, रोनी, शरीफ उर्फ कंचन, तथा लश्कर-ए-तैयबा के ओबैदुर्रहमान व याहिया बांग्लादेश से बिना वीजा पासपोर्ट पद्मा नदी पार कर भारत की सीमा में पश्चिम बंगाल में घुसे। वहां पश्चिम बंगाल का नफीकुल विश्वास भी उनके साथ शामिल हो गया। सभी खुसरूपुर रेलवे स्टेशन के समीप ट्यूबवेल पर इकट्ठा हुए। खुसरूपुर के मियां टोला के हकीम मियां से विस्फोटक सामग्री व अटैची लिए। खुसरूपुर के प्लेटफार्म नंबर एक के उत्तर ट्यूबवेल के पास याहिया व ओबैदुर्रहमान ने बम बनाया। हिलाल व रोनी ने पटना के प्लेटफार्म नंबर 3 पर चेकिंग के बाद श्रमजीवी ट्रेन में जनरल बोगी में सीट के नीचे अटैची में बम रखकर सीट से बांधा जिसमें बाद में विस्फोट हुआ। ओबैदुर्रहमान व याहिया पटना से ही बम रखवाने के बाद बांग्लादेश चले गए। वहां तिहरे बम ब्लास्ट के आरोपित ओबैदुर्रहमान को पुलिस खोज रही थी। वह वापस भारत आया और रघुनाथगंज में फारेनर्स एक्ट में गिरफ्तार हुआ।