जब प्रशासनिक चूक से जमशेदपुर पहुँच गया शिवेंद्र सिंह का शव
गत 27 मार्च को ईरान के किस आइस लैंड पोर्ट पर खड़े एमवी रासा नामक जहाज पर बोट उतारते समय हुई दुर्घटना में तिलवारी गॉव के शिवेंद्र प्रताप सिंह व झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूमि जिले के चक्रधरपुर के आनंदपुर निवासी आह्लाद नन्दन महतो की दर्दनाक मौत हो गयी थी। उस जहाज पर शिवेंद्र बतौर टेक्नीशियन सहायक तथा नन्दन महतो इंजीनियर के पद पर तैनात थे। मौत की सूचना पर दोनों के स्वजनों पर मानो वज्रपात सा हो गया। पेचीदा कानूनी प्रक्रिया से अनभिज्ञ पिता संदीप सिंह ने मृत बेटे का शव गॉव लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिए। जान पहचान के प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के अलावा विदेश मन्त्रालय से लेकर जनपद के जिलाधिकारी से सम्पर्क साध अपने एकलौते चिराग के शव को मंगवाने हेतु लगातार गुहार लगाते रहे। परन्तु कानूनी पेचीदगियां व ईद के त्यौहार के कारण करीब एक महीना बीत गया। बीते 26 अप्रैल को संदीप सिंह को कहीं से सूचना मिली कि बेटे का शव ईरान से दिल्ली आ रहा है। बस फिर क्या था?एक लाचार बाप जिसकी बुढापे की लाठी का सहारा छिन गया हो वह अपने एकलौते बेटे का शव लेने के लिए दिल्ली चल पड़ा। उधर मृत युवक आह्लाद नन्दन महतो के भाई रघुनन्दन ने दूतावास के निर्देश पर उसका शव लेने कोलकाता हवाई अड्डे पर गये और शव ले लिया। परन्तु वहां शव को देखने की अनुमति नही दी। दोपहर 3:15 बजे एम्बुलेंस से शव लेकर अपने घर तरतरा पहुचने पर ताबूत खोला तो शव दूसरे का निकला। रघु ने भाई के साथ दुर्घटना में मृत युवक शिवेंद्र के पिता संदीप सिंह से सम्पर्क साध उन्हें तस्वीर भेजी। संदीप ने अपने बेटे के शव होने की शिनाख़्त की। इस खबर के फैलते ही पूरा जमशेदपुर का प्रशासनिक महकमा सकते में आ गया। सर्किल के प्रशासनिक अधिकारी महतो के घर पहुँच प्रशासनिक चूक मानी और शव सुरक्षित कर उसे चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल के मोर्चरी हॉउस में रखवा दिये। सूचना के बाद संदीप सिंह दिल्ली से जमशेदपुर के चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल बीते सोमवार की रात ही चले गये। वहां प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर लिखापढ़ी के बाद शव बुधवार की अलसुबह तिलवारी गॉव बड़ी ही जद्दोजहद के बाद पहुँचा। जबकि जानकारी के मुताबिक स्व महतो का शव अभी ईरान में ही पड़ा है।