मां-बेटों ने मिलकर किया था पूर्व युवा कल्याण अधिकारी का कत्ल!, आरोपी गिरफ्तार
"यह कहानी है लालच, धोखे और हत्या की। दिनांक 31 मई — रात के अंधेरे में जौनपुर शहर की सड़कों पर दौड़ रही थी एक स्कूटी... लेकिन उस पर एक ज़िंदा नहीं था... बल्कि एक शव था!" जो एक जून की सुबह "रेड चिल्ली रेस्टोरेंट के पास नाले के किनारे मिला एक अधेड़ उम्र के शख्स का शव। नाम था — रामकृपाल यादव। रामकृपाल रिटायर्ड युवा कल्याण अधिकारी थे. शुरू में किसी को अंदाजा नहीं था कि यह एक प्लान की गई हत्या है। लेकिन जब बेटे अवनीश ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई, तो पुलिस की नींद उड़ गई। "जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, राज़ परत दर परत खुलते चले गए। आरोपी निकली — रामकृपाल की जानने वाली एक महिला — लक्ष्मी। और हत्या में उसके दो बेटे — सोनू और सुनील भी शामिल थे।" "लक्ष्मी ने बताया कि उसका पति विकलांग हो चुका था, और वो जौनपुर शहर में आकर घर चलाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इसी दौरान रामकृपाल से जान-पहचान हुई, और फिर उधारी का लेन-देन। लेकिन जब रामकृपाल अपना पैसा मांगने आया, तो बहस ने ले ली खौफनाक शक्ल!" "लक्ष्मी और उसके बेटों ने मिलकर रामकृपाल की हत्या कर दी। और शव को स्कूटी पर लादकर जेसीज चौराहे के पास नाले में फेंक दिया।
"3 जून को, एक गुप्त सूचना पर पुलिस ने कलीचाबाद तिराहा से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया — जब वे गांव के रास्ते सूरत भागने की फिराक में थे। वह स्कूटी बरामद हुई जिससे शव को ढोया गया गई है। थाना लाइन बाजार प्रभारी निरीक्षक सतीश सिंह और उनकी टीम ने इस मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।