गर्मियों में गिरता जलस्तर बना चिन्ता का विषय
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नदी एवं तालाब सूखे तो हैण्डपम्प ने भी धोखा
जौनपुर। ग्रीष्म ऋतु में जलस्तर का कम होना स्वाभाविक बात है लेकिन इसका गिरना चिन्ता का विषय है। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आम जनमानस को पानी के लिये दर-दर भटकना ना पड़ जाय। देखा जा रहा है कि नदियों, तालाबों व हैण्डपम्पों का जलस्तर गिरता जा रहा है। गिरते जलस्तर से किसानों को भी सिंचाई के लिये कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पशु-पक्षी आदि नदियों व तालाबों पर निर्भर रहते हैं लेकिन वर्तमान संकट को देखते हुये उसके समक्ष गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। देखा जाय तो गोमती सहित लगभग समस्त नदियों का जलस्तर सामान्य से भी नीचे जा चुका है जो गम्भीर चिन्ता का विषय है। लोगों द्वारा यदि समय रहते न चेता गया तो आने वाले दिनों में स्थिति भयावह हो सकती है। पर्यावरण से खिलवाड़ करना मानव समाज के लिये बहुत भारी पड़ सकता है। जलस्तर सुधार के लोगों को एक साथ आगे आने की आवश्यकता है जिससे इस समस्या को समय रहते सुधारा जा सके।