प्रकृति परमात्मा का अमूल्य उपहार, संरक्षण हमारी जिम्मेदारी: निरंकारी परिवार
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जौनपुर। प्रकृति मानव जीवन की सदा-संगीनी रही है। उसकी छांव में सभ्यताओं ने आकार लियां संस्कृतियाँ पनपीं और जीवन निरंतर रूप से विकसित होता रहा किंतु जब मानवीय स्वार्थ ने संतुलन का दायरा लांघा, तब इस जीवनदायिनी प्रकृति को क्षतिग्रस्त होना पड़ा। मानव शायद यह भूल जाता है कि वह स्वयं भी इसी प्रकृति का ही एक अंग है। आज पर्यावरणीय संकट की गूंज वैश्विक चेतना को झकझोर रही है। इसी अनुभूति के तहत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ आयोजित किया जाता है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने देते हुए बताया कि इस वैश्विक पहल से प्रेरणा लेते हुये संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के लोकमंगलकारी एवं दूरदर्शी नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ को केंद्र में रखते हुए देश भर के 18 प्रमुख पर्वतीय पर्यटक स्थलों पर 5 जून को प्रातः 8 से दोपहर 2 बजे तक एक व्यापक वृक्षारोपण एवं स्वच्छता अभियान का आयोजन कर रही है। श्री जायसवाल के अनुसार संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि मिशन वर्ष 2014 से ही संयुक्त राष्ट्र के ‘युनाईटेड नेशन एनवाईरनमेंट प्रोग्राम‘ पर्यावरण कार्यक्रम की थीम पर ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ आयोजित कर रहा है। यह एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि एक सतत जनचेतना अभियान है जो प्रकृति और मानवता के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंध को पुनः सशक्त करता है।