पृथ्वी पर जीवन को बचाना है, तो वृक्षों को बचाना ही होगा: पायल किन्नर
इस अवसर पर महंत विनय त्रिपाठी ने कहा, "गर्मी, सर्दी और वर्षा जैसी ऋतुएं पूरी तरह प्रकृति के संतुलन पर आधारित हैं। यदि हमने आज प्रकृति को संभाला, तो कल आपदाओं से बचा जा सकता है। पेड़-पौधे ही प्रकृति का आधार हैं। बिना वृक्षों के जीवन की कल्पना अधूरी है।"
पायल किन्नर ने भावुक शब्दों में कहा, "यदि पृथ्वी पर जीवन को बचाना है, तो वृक्षों को बचाना ही होगा। आज हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे भविष्य संकट में है। हमें ऐसे वृक्ष लगाने होंगे जो अधिक ऑक्सीजन दें, ताकि कोविड-19 जैसी त्रासदी में जो ऑक्सीजन की कमी हमने देखी, वह भविष्य में न हो।"
इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में आदर्श त्रिपाठी, त्रिजोगी त्रिपाठी, राजू भगत, ट्रस्ट की किन्नर समिति से शालू किन्नर, किरण किन्नर समेत कई सदस्य उपस्थित रहे।
वृक्षारोपण मात्र एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह प्रकृति से प्रेम और भविष्य की पीढ़ियों के लिए आशा का बीज है। अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट की यह पहल न केवल समाज को एकजुट कर रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि पर्यावरण की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है – चाहे हम किसी भी वर्ग या पहचान से हों।