जौनपुर से 151 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना, राज्यमंत्री ने दिखाई हरी झंडी
जयकारों से गूंज उठा शहर, महिलाओं, बच्चों और साधु-संतों ने लिया उत्साहपूर्वक भाग
जौनपुर। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी जय बाबा अमरनाथ बर्फानी सेवा समिति, सुतहट्टी बाजार, जौनपुर के तत्वावधान में 151 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ बाबा बर्फानी के पावन दर्शन के लिए रवाना हुआ। यह पवित्र यात्रा 23 वर्षों से लगातार समिति के सेवादारों के नेतृत्व में सफलतापूर्वक आयोजित की जा रही है।
सेवा समिति के प्रमुख सेवादार अजय वर्मा "अज्जू " ने बताया कि इस धार्मिक यात्रा में पुरुष, महिलाएं, बच्चे एवं साधु-संत बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यात्रा की तैयारी पूर्व में टोली बनाकर की जाती है, जिसमें यात्रियों को यात्रा से संबंधित समस्त जानकारी दी जाती है।
इस बार भी यात्रा की अगुवाई तीर्थराज, धर्मपाल नेताजी, अजय वर्मा "अज्जू" कर रहे हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं का जुलूस रेलवे स्टेशन से सब्जी मंडी, कोतवाली, चहारसू, ओलंदगंज होते हुए बैंड-बाजे, झंडे, त्रिशूल और "बम-बम भोले" के जयकारों के साथ निकाला गया, जिसमें श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।
अजय वर्मा ने बताया कि बाबा अमरनाथ की गुफा दक्षिण कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित है, जिसकी गहराई लगभग 90 फुट और चौड़ाई 105 फुट है। इस पवित्र गुफा में हर वर्ष ठोस बर्फ से बना शिवलिंग प्रकट होता है, जिसे देखकर हर भक्त भावविभोर हो उठता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी।
इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चंद्र यादव ने श्रद्धालुओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और सभी की सुखद व सफल यात्रा की कामना की।
इस यात्रा में शामिल प्रमुख श्रद्धालुओं में तीर्थराज, धर्मपाल, रुक्मणी, शकुंतला, अनुराग साहू, शेरू बेनवंशी, जय भोले, दीपा साहू, प्रतिमा, राकेश सिंह, संजय सेठ, केसरी देवी, विकास, उमेश, हेमनाथ गुप्ता आदि शामिल हैं।
भक्तों को स्टेशन तक पहुंचाने में सहयोग देने वालों में ब्रह्मेश शुक्ला (कार्यालय प्रभारी, राज्य मंत्री), रवि चौधरी, सनी चौधरी, मनीष गुप्ता, विशाल गुप्ता, भारत गुप्ता, लकी श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव, दीपक कुमार मिश्रा, अजय सिंह प्रतिनिधि आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सचमुच, यह यात्रा श्रद्धा, सेवा और समर्पण का अनुपम उदाहरण है, जिसने न सिर्फ श्रद्धालुओं को जोड़ा, बल्कि जनपद को भक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया।