बिजली बिल में अनियमितता की जांच की मांग
व्यवसायी ने लगाया यह आरोप
आवेदन में आरोप लगाया गया है कि इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने 2 वर्ष पूर्व का मनमानी डेटा अपलोड करके बिल रिवीजन किया और MRI रिपोर्ट को छिपाकर RDF (रिडिंग डिफेक्टिव) बिल बनाया। इसके अलावा, बिल में अनियमितता की बात कही गई है और कई कनेक्शनों में भारी अनियमितता की संभावना जताई गई है।
जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई थी सूचना
व्यवसायी ने जन सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगी थी, जिसका जवाब तीन महीने बाद आया। जन सूचना अधिकार के जवाब में बिजली विभाग ने बताया कि मामला निराधार है और कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। व्यवसायी ने इस जवाब पर असंतोष जताया है और जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि वे इस मामले की जांच करें और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों, विशेष रूप से बाबू लल्लन सोनकर और हिमांशु के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री समेत उच्चाधिकारियों को भी भेजी गई प्रतिलिपि
व्यवसायी ने इस संबंध में प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, प्रबंध निदेशक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और प्रमुख सचिव ऊर्जा को और भेजी है। आवेदन में कहा गया है कि अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड शाहगंज संतोष मिश्रा के देयकों का भुगतान जांच पूर्ण होने तक नहीं किया जाना चाहिए। व्यवसायी ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करें और दोषियों को सजा दिलाएं।