पूर्व प्रधानाध्यापक स्व. राधे मोहन मिश्र की चतुर्थ पुण्यतिथि पर उनके शिक्षा-समर्पण को किया गया नमन
कार्यक्रम की शुरुआत तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसमें उनकी धर्मपत्नी सहित परिवारजन एवं विशिष्ट अतिथियों ने सहभागिता निभाई। पुष्पांजलि अर्पित कर सभी ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने स्व. मिश्र के संघर्षपूर्ण जीवन, आदर्श शिक्षक रूपी व्यक्तित्व तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर न सिर्फ क्षेत्र बल्कि पूरे जनपद का मान बढ़ाया। उनके द्वारा बोए गए शिक्षा के बीज आज वटवृक्ष बनकर फल-फूल रहे हैं। उनके अनेक शिष्य आज देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कर रहे हैं, जो उनके समर्पण की जीवंत मिसाल हैं।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राधेश्याम मिश्र, राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, महेन्द्र, नरेन्द्र, सत्य प्रकाश, संतोष मिश्र गुड्डू, संतोष मिश्र सुग्गू, विपिन, शैलेश, विकास, मनोज, शाश्वत सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सत्येन्द्र प्रसाद ने कुशलता पूर्वक किया, जबकि अंत में उपस्थित अतिथियों एवं सहयोगियों के प्रति पत्रकार राजेश मिश्र ने आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर पूरे परिसर में एक भावुक लेकिन प्रेरणास्पद वातावरण बना रहा, जिसने स्व. राधे मोहन मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व को स्मरणीय बना दिया।