स्कूल विलय के विरोध में फूटा शिक्षकों का गुस्सा, बीएसए कार्यालय बना आंदोलन का मैदान
- ‘शिक्षा पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं’, चरणबद्ध आंदोलन में गरजे शिक्षक
- सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ सौंपा गया मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय ज्ञापन
जौनपुर। शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ लिए जा रहे ‘दमनकारी निर्णयों’ के विरोध में मंगलवार को जनपद के शिक्षकों का आक्रोश बीएसए कार्यालय परिसर में फूट पड़ा। स्कूलों के मनमाने विलय, प्रधानाध्यापकों व रसोइयों के पद समाप्त करने और शिक्षकों की अन्य मांगों को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले हजारों शिक्षक सड़कों पर उतर आए।धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार शुक्ल ने कहा कि
"सरकार द्वारा शिक्षा की जड़ें काटने का जो प्रयास हो रहा है, उसे शिक्षक समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।"
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला, तो यह आंदोलन जिले की सीमाओं को लांघते हुए प्रदेशव्यापी जनांदोलन में तब्दील होगा।
धरना स्थल पर सरकार विरोधी नारों से माहौल गरमा गया। शिक्षकों ने हाथों में तख्तियां लेकर स्कूलों के जबरन विलय, प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित करने और रसोईयों की छंटनी को ‘शिक्षा व्यवस्था का गला घोंटना’ बताया। संघ ने स्पष्ट किया कि इन निर्णयों से न सिर्फ शिक्षकों के रोजगार पर संकट है, बल्कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा जाएगी।
आवाज बुलंद, मांगें स्पष्ट:
जिलाध्यक्ष अरविंद शुक्ल ने धरना स्थल से ऐलान किया कि जब तक सरकार निम्नलिखित मांगे नहीं मानती, तब तक आंदोलन चरणबद्ध रूप से जारी रहेगा:
- स्कूलों का जबरन विलय तत्काल रोका जाए।
- प्रधानाध्यापकों व रसोइयों के पद समाप्त करने का निर्णय वापस लिया जाए।
- पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
- शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू की जाए।
- शिक्षकों को भी राज्यकर्मियों की तरह अवकाशों की सुविधा मिले।
- प्राथमिक विद्यालयों का समय सुबह 7:30 से दोपहर 12:30 तक निर्धारित किया जाए।
- 12 वर्ष की सेवा पर माध्यमिक शिक्षकों की भांति प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए।
- विद्यालय संचालन में शिक्षकों पर थोपे गए गैर-शैक्षणिक कार्यों पर रोक लगे।
- शिक्षा विभाग में स्थानांतरण नीति पारदर्शी बनाई जाए।
- रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति की जाए।
धरने का संचालन रामदुलार ने किया और अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को सौंपा गया।
धरना स्थल पर भारी जुटान:
धरना प्रदर्शन में जनपद के कोने-कोने से पहुंचे शिक्षकों की भारी भीड़ ने यह संकेत दे दिया कि शिक्षक समाज अब चुप बैठने वाला नहीं। इस मौके पर प्रमुख रूप से रवि चंद्र यादव, लाल साहब यादव, शिवेंद्र सिंह रानू, वीरेंद्र सिंह, संजय यादव, प्रमोद दुबे, दीपक सिंह, राकेश यादव, विक्रम प्रकाश यादव, विजय कुमार गुप्ता, मोहम्मद इमरान, अनिल दीप चौधरी, अनुपम सिंह, विमल यादव, प्रशांत मिश्रा, छाया सिंह, प्रियंका सिंह, कविता, नीतू सिंह, सुषमा पाठक, संगीता राय, निशा सिंह, अरुण यादव, पवन कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह, शिव नारायण यादव, सौम्य श्रीवास्तव समेत सैकड़ों शिक्षकों ने सहभागिता की।