जिलाधिकारी की तत्परता से कागजों में मृत हुए तीनों बुजुर्ग हुए जिंदा,बहाल हुई पेंशन


जौनपुर । 
जिला मुख्यालय पर सोमवार को जनसुनवाई एक भावुक दृश्य की गवाह बनी। सिकरारा ब्लॉक निवासी कृपाशंकर त्रिपाठी, मंगरू और महंगू गले में तख्ती लटकाए जिलाधिकारी के सामने पहुँचे, जिस पर लिखा था— “मैं ज़िंदा हूँ”। तीनों बुज़ुर्गों ने रोते हुए बताया कि सरकारी अभिलेखों में उन्हें मृतक घोषित कर दिया गया है और इस कारण उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई है।

यह सुनकर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने तत्काल मामले को गंभीरता से लिया और मौके पर मौजूद समाज कल्याण अधिकारी एवं संबंधित खंड विकास अधिकारी को आदेश दिया कि वे तुरंत गांव जाकर खुली पंचायत के माध्यम से पूरे मामले का सत्यापन करें। जिलाधिकारी ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तीनों फरियादियों को शासकीय वाहन से उनके घर पहुँचाने की व्यवस्था भी कराई।

मंगलवार शाम को जिलाधिकारी ने मंगरू और महंगू को अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया। उन्होंने घोषणा की कि सितंबर माह से तीनों की पेंशन बहाल कर दी जाएगी। साथ ही चेतावनी दी कि इस प्रकरण में जिनकी लापरवाही उजागर होगी, उन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर नोटिस जारी किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने जनसुनवाई में उपस्थित सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि  मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट आदेश है कि वृद्धजन, महिला, बालिका तथा अन्य लाभार्थियों से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण संवेदनशीलता और तत्परता से किया जाए। ऐसे मामलों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पेंशन बहाल होने का आश्वासन मिलते ही तीनों बुज़ुर्गों की आँखों में राहत के आँसू छलक आए। उपस्थित लोगों ने भी जिलाधिकारी की तत्परता और संवेदनशील निर्णय की सराहना की। लंबे समय से अपमान और उपेक्षा झेल रहे इन बुज़ुर्गों के चेहरे पर आखिरकार मुस्कान लौट आई।


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