लापरवाह शिक्षकों पर गिरी बीएसए की गाज
बच्चे “स्वदेश” तक न लिख सके तो फूटा गुस्सा, वेतन-मानदेय रोकने का आदेश
जौनपुर । जिले के रामनगर ब्लॉक में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल औचक निरीक्षण पर पहुंचे। निरीक्षण का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता की असलियत परखना था, लेकिन नजारा देखकर वे भड़क उठे। कक्षा 4 के बच्चे “स्वदेश” शब्द तक न लिख सके, यह देखकर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए लापरवाह शिक्षकों का वेतन और शिक्षामित्रों का मानदेय अग्रिम आदेश तक रोकने का फरमान सुना दिया।
जवन्सीपुर स्कूल का नज़ारा सुबह 11:55 बजे बीएसए प्राथमिक विद्यालय जवन्सीपुर पहुंचे। यहां शिक्षामित्र संजू सिंह प्रशिक्षण पर थीं, बाकी स्टाफ मौजूद मिला। मिड डे मील तय मेन्यू के अनुसार तो था, लेकिन कंपोजिट ग्रांट के 25 हजार रुपये खर्च होने के बावजूद आय-व्यय पंजिका गायब थी। टीएलएम का पैसा खर्च हुआ लेकिन कोई प्रमाण नहीं। 82 में से केवल 23 बच्चे मौजूद मिले। पंजिका में अनुपस्थित बच्चों का कॉलम खाली था। स्कूल की दीवारें बदरंग, टीएलएम चार्ट गायब और कक्षाओं में जाले तक लटकते मिले। खामियों को गंभीर मानते हुए बीएसए ने प्रभारी प्रधानाध्यापक भुवनेश पांडेय का वेतन रोक दिया और समस्त स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा।
सोरहां स्कूल में और भी बदहाली दोपहर 1 बजे बीएसए प्राथमिक विद्यालय सोरहां पहुंचे। यहां पर हालात और खराब थे— शिक्षामित्र रवींद्र सिंह गायब। सहायक अध्यापक अजय कुमार प्रशिक्षण पर। प्रधानाध्यापक ने तो स्कूल पर ही ताला जड़ दिया और गायब हो गए। ताला खुलवाकर निरीक्षण किया गया तो भौतिक स्थिति शर्मनाक मिली। प्रांगण में घास उगी हुई थी, वातावरण गंदगी से पट पड़ा था और हैंडवॉश की टोटियां टूटी हुई थीं। 45 में से 22 बच्चों का नाम तो दर्ज था, लेकिन वास्तविक उपस्थिति और भी कम थी। इस पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक का वेतन व अनुपस्थित शिक्षामित्र का मानदेय रोकने के आदेश दिए।
निरीक्षण के बाद बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने स्पष्ट कहा कि “शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं। जहां लापरवाही मिलेगी, वहां कठोर कार्रवाई होगी और जहां समर्पण व गुणवत्ता दिखेगी, वहां सम्मान भी मिलेगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि स्कूल बच्चों का भविष्य गढ़ने की जगह है, यहां लापरवाही कतई सहन नहीं होगी।