देयकों के इंतज़ार में तड़पते सेवानिवृत्त शिक्षक — शिक्षक दिवस ना मनाने की चेतावनी
जौनपुर । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठुकराई) जौनपुर का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश संरक्षक रमेश सिंह के नेतृत्व में 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हुए प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों के जीपीएफ भुगतान व पेंशन के लंबित मामलों को लेकर जिलाधिकारी से मिला।
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को एक मांगपत्र सौंपते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की कार्यप्रणाली पर गहरी चिंता जताई। रमेश सिंह ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 31 मार्च को ही सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों को ससम्मान समस्त देयक प्रदान किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं, किंतु जनपद जौनपुर में कई शिक्षकों की पत्रावलियां सत्यापन के नाम पर कार्यालय में लिपिकों की दराजों में पड़ी हुई हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ प्रधानाचार्य व शिक्षक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, और दवाइयों के अभाव में जीवन-मृत्यु के संकट से जूझ रहे हैं। उनकी पत्रावलियों के लंबित होने का कारण केवल यह है कि विनियमितीकरण का डिस्पैच रजिस्टर, जो कार्यालय में सुरक्षित रहना चाहिए, वह गुम है।
रमेश सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर अमानवीय और असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षकों की पीड़ा को न तो समझा जा रहा है और न ही प्राथमिकता दी जा रही है।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शिक्षक दिवस (5 सितंबर) से पूर्व समस्त सेवानिवृत्त शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को उनके देयक प्रदान नहीं किए जाते, तो इस वर्ष जनपद के शिक्षक और प्रधानाचार्य शिक्षक दिवस नहीं मनाएंगे।
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि वह जल्द से जल्द सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके समस्त देयक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष तेरस यादव, कार्यकारी अध्यक्ष अतुल कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष हसन सईद, बद्रीनाथ सिंह एवं मोहम्मद आज़म खान उपस्थित रहे।