शिक्षक दिवस का किया बहिष्कार, शिक्षकों ने चलाया #काला_कानून_वापस_लो अभियान
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जौनपुर। 1 सितम्बर 2025 को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने देश भर के दस लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों की नौकरी पर संकट खड़ा कर दिया है। यदि यह आदेश निजी विद्यालयों पर भी लागू हुआ तो करोड़ों शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। इस निर्णय से शिक्षक वर्ग में गहरी निराशा और आक्रोश है।
इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार किया। दोपहर से ही शिक्षकों ने सोशल मीडिया मंच ट्यूटर (X) पर #काला_कानून_वापस_लो अभियान चलाया।
शिक्षकों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा टीईटी को लेकर बनाए गए कानून के तहत दो वर्षों बाद बड़ी संख्या में शिक्षकों की सेवा समाप्त होने का खतरा है। ऐसे विषम हालात में शिक्षक दिवस पर मिलने वाला सम्मान औपचारिक हो जाएगा, जिसे मन से स्वीकार नहीं किया जा सकेगा।
शिक्षकों ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे न्यायपूर्ण घोषणा कर इस संकट से शिक्षकों को राहत दें। उनका कहना है कि "आपकी घोषणा ही शिक्षकों के लिए वास्तविक सम्मान होगी।"