चार बैग कछुओं के साथ दो तस्कर चढ़े पुलिस के हत्थे
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घर में तहखाने बनाकर करता था कछुआ पालन
भारी मात्रा में बरामद हुईं कछुओं की हड्डियां
पुलिस के मुताबिक पकड़े गये अभियुक्तों की पहचान मोती लाल पुत्र हजारी एवं उसकी पत्नी ममता पत्नी मोती लाल निवासी ग्राम परवेजपुर, थाना जगदीशपुर, जनपद अमेठी के रूप में हुई। दोनों को सटीक सूचना पर धर दबोचा गया। पूछताछ में अभियुक्तों ने खुलासा किया कि वे केवल कछुओं को पहुँचाने का काम करते हैं जिसके एवज में उन्हें छह हजार रुपये मिलते थे।
तहखाने से बरामद हुआ जखीरा
गिरफ्तार तस्करों की निशानदेही पर पुलिस नगर के कासिमपुर वार्ड निवासी मुस्ताक पुत्र इखलाक अहमद के घर पहुँची। तलाशी के दौरान घर में बने गुप्त तहखाने से भारी मात्रा में जीवित कछुए बरामद किए गए। इसके अलावा पुलिस को वहाँ से 10 बोरी और 5 बैग कछुओं की हड्डियाँ भी मिलीं जिससे तस्करी के बड़े पैमाने पर होने का अंदेशा और मजबूत हो गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुँची और तहखाने में मौजूद जीवित कछुओं को सुरक्षित निकालने का कार्य शुरू कर दिया। टीम में डिप्टी रेंजर जयहिंद यादव, वन दरोगा गोरख प्रसाद और वन रक्षक दुर्गेश शामिल रहे।
पूरी कार्यवाही की कमान थाना प्रभारी रामाश्रय राय ने अपने पुलिस बल के साथ संभाली। मौके पर पुलिस बल ने मुस्तैदी से तलाशी अभियान चलाकर साक्ष्य जुटाए। खबर लिखे जाने तक पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी।
संगठित गिरोह का संकेत
पुलिस एवं वन विभाग के संयुक्त अभियान से यह स्पष्ट हो रहा कि क्षेत्र में कछुओं की तस्करी का संगठित नेटवर्क सक्रिय है। बरामद हड्डियों की भारी मात्रा इस बात की पुष्टि करती है कि लंबे समय से वन्यजीवों का अवैध शिकार कर उनकी तस्करी की जा रही थी। पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी।