'वसुधैव कुटुम्बकम' की दिव्य भावना को जीवन्त कर रहा सन्त निरंकारी मिशन
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जौनपुर। इस विविधताओं से भरे संसार में जहां मानवता अनेक रूपों, भाषाओं, संस्कृतियों, जातियों और धर्मों में विभाजित दिखाई देती है, वहीं एक शाश्वत सत्य है जो हम सभी को एक अटूट सूत्र में पिरोता है। हम सभी एक ही परमात्मा की संतान हैं जो हमें समय-समय पर अनके रूपों में आकर प्रेम, करुणा, समानता और मानवता का दिव्य संदेश देते हैं। हमारे भिन्न-भिन्न रूप और रहन-सहन होते हुए भी हमारे भीतर वही एक जैसी चेतना, जीवन-शक्ति प्रवाहित होती है जो हमें एक-दूसरे से जोड़ती है। इसी भावना को आत्मसात करते हुये संत निरंकारी मिशन पिछले 96 वर्षों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ अर्थात् ‘समस्त संसार एक परिवार’ की दिव्य भावना को जीवन्त कर रहा है। निरंकारी मिशन न केवल प्रेम, शांति और समरसता का पावन संदेश देता है, बल्कि सत्संग, सेवा और विशाल संत समागमों के माध्यम से उसे व्यवहार में उतारता भी है। यह जानकारी देते हुये स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने बताया कि उपरोंक्त बातें सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी ने सेवास्थल का उद्घाटन करते हुये कही। उक्त अवसर पर संत निरंकारी मण्डल की प्रधान राजकुमारी, संत निरंकारी मण्डल के सचिव जोगिन्दर सुखीजा आदि उपस्थित रहे।