डा. श्रीपाल क्षेम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया स्मरण
जौनपुर। साहित्य वाचस्पति डा. श्रीपाल सिंह क्षेम के 103वें जन्मदिवस समारोह पर क्षेम उपवन स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने डा. क्षेम के साहित्यिक योगदान और विचारधारा को याद किया। उन्होंने कहा कि डा. क्षेम की रचनाएँ आज भी समाज को नई दिशा देने का कार्य कर रही हैं। उनकी अमर पंक्तियाँ— “एक पल ही जीवो फूल बनकर जीवो, शूल बनकर नहीं जीना जिंदगी” —लोगों को जीवन जीने की सच्ची प्रेरणा देती हैं।
कार्यक्रम में शशिमोहन सिंह क्षेम, प्रदीप सिंह, ओम प्रकाश सिंह, डा. मधुकर तिवारी, कांग्रेसी नेता जय प्रकाश सिंह साथी, रामदयाल द्विवेदी, जेड हुसैन, विनोद विश्वकर्मा, राजेश मौर्य, शशि खर सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष इन्द्रभुवन सिंह, डा. तेज प्रताप सिंह, डा. पीपी दुबे, वरिष्ठ पत्रकार लोलारख दुबे, राजीव सिंह एडवोकेट, दयाशंकर सिंह, अरविन्द सिंह बेहोश, अजीत सिंह, विनोद सिंह, देवांश सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।