“बिना काम पेमेंट, बिना सहमति टेंडर” – आरोपों से कांपी पालिका बैठक
जौनपुर नगर पालिका की बोर्ड बैठक में बवाल, अध्यक्ष के खिलाफ धरना व नारेबाजी
जौनपुर। नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक शनिवार को भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच बेमानी साबित हुई। अध्यक्ष मनोरमा मौर्या के खिलाफ भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों से गूंजे सभागार में कई सभासद धरने पर बैठ गए।बैठक की शुरुआत होते ही सभासद रेनू पाठक, दीपक जायसवाल, जगदीश मौर्या और मुकेश सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शेखपुर मोहल्ले में बिना काम कराए ही करीब एक करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। यह भुगतान मुख्य मार्ग से किरण मिश्रा के मकान तक इंटरलॉकिंग और पीवीसी पाइपलाइन डालने के कार्य के लिए हुआ था, जबकि कार्य ज़मीन पर दिखाई ही नहीं देता।
बिना बोर्ड की मंजूरी कराए गए टेंडर!
सभासदों ने यह भी आरोप लगाया कि बोर्ड से स्वीकृति लिए बिना ही कई कार्यों के टेंडर कर दिए गए। इतना ही नहीं, जिन अखबारों में टेंडर प्रकाशित किया गया, वे इतने छोटे और अप्रसिद्ध हैं कि “चेयरमैन खुद भी नहीं पढ़ते।”
हादसे में मौतों का भी मुद्दा उठा
सभासदों ने हाल ही में मछलीशहर पड़ाव हादसे, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी, को भी पालिका की घोर लापरवाही बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पालिका अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है और आम जनता की जान जोखिम में डाल रही है।
धरना और नारेबाजी से गरमाया माहौल
सभा में भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों को लेकर माहौल इतना गरमा गया कि बड़ी संख्या में सभासद बैठक स्थल पर ही धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की।
मीटिंग स्थगित
लगातार बढ़ते हंगामे के बीच अध्यक्ष ने 15 दिन के भीतर सभासदों के आरोपों का जवाब देने का आश्वासन दिया और बैठक स्थगित कर दी। लेकिन सभासदों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और बाहर भी माहौल गर्माता रहा।
यहाँ आपकी खबर के लिए कुछ तीखे और सनसनीखेज हेडलाइन विकल्प दिए जा रहे हैं।