ग्रामसभा की जमीन पर कब्जे का आरोप, विद्यालय प्रबंधन ने किया पलटवार
रोशन सिंह का कहना है कि उन्होंने पहले इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की, लेकिन कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार द्वारा की गई जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद तहसीलदार ने विद्यालय प्रशासन पर करीब एक करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया।
रोशन का आरोप है कि मुन्ना सिंह भाजपा नेता और संघ से जुड़े है इस लिए जिला प्रशासन उनके दबाव में कार्य करता है। उन्होंने प्रबंधक को भू-माफिया तक संज्ञा दी।
इस मामले में विद्यालय प्रबंधक सूर्य कुमार सिंह उर्फ मुन्ना ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया है। उनका कहना है कि मां दुर्गाजी विद्यालय की स्थापना ग्रामसभा और तत्कालीन ग्राम प्रधान के अनुरोध पर की गई थी। ग्रामीणों की सहमति से यह विद्यालय वर्षों से शिक्षा का केंद्र रहा है।
मुन्ना सिंह ने बताया कि जब उन्हें विवाद की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने विद्यालय से सटी जमीन खरीद ली और उसे ग्रामसभा को वापस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्यवाही फिलहाल राजस्व विभाग में विचाराधीन है।
विद्यालय प्रबंधक ने यह भी आरोप लगाया कि जिस जमीन को उन्होंने खरीदा है, उस पर रोशन सिंह ने कब्जा कर लिया है, और इसी कारण वे विद्यालय प्रबंधन पर झूठे आरोप लगाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने रोशन सिंह पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
प्रबन्धक ने कहा कि यह विद्यालय समाजसेवा के लिए है , स्कूल प्रशासन ने गांव के बच्चों गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए कार्य कर रही है , किसी बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए किसी बच्चे की आधी फीस , किसी की पूरी फीस माफ करता है तो वहीं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कापी किताब तक मुहैया कराता है।
कोविड कॉल में जिला प्रशासन के अनुरोध पर दो सौ से अधिक मरीजों का इलाज और खाना पानी मुहैया कराया साथ इस स्कूल के सभी टीचरों को पूरा वेतन दिया जो इस जिले का रिकॉर्ड है।
मुन्ना सिंह ने स्पष्ट किया है कि तहसीलदार द्वारा लगाए गए जुर्माने के खिलाफ वे जल्द ही उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
ग्रामसभा की जमीन को लेकर उपजा यह विवाद अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला शिक्षा और ग्रामसभा की संपत्ति दोनों से जुड़ा हुआ है, इसलिए प्रशासन को निष्पक्ष जांच कर उचित समाधान निकालना चाहिए।