बिजली विभाग के जेई अनंत कुमार श्रीवास्तव: कर्तव्य और भक्ति दोनों में समान रूप से समर्पित
रामलीला के मंच पर पारंपरिक परिधान धारण कर ऐतिहासिक पात्र का सजीव चित्रण कर उन्होंने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। मंच पर उनके द्वारा निभाए गए पात्र की अदाकारी से यह स्पष्ट झलकता है कि उनके भीतर भक्ति, अनुशासन और संस्कृति के प्रति गहरी आस्था है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि "अनंत कुमार श्रीवास्तव सरकारी सेवा में जितने समर्पित हैं, उतनी ही श्रद्धा और निष्ठा से वह धार्मिक आयोजनों में भी भाग लेते हैं।" उनकी यह बहुमुखी प्रतिभा इस बात का प्रतीक है कि एक अधिकारी केवल दफ्तर या कार्यक्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि वह समाज और संस्कृति का भी अभिन्न अंग है।
अनंत कुमार श्रीवास्तव का जीवन यह संदेश देता है कि आधुनिक युग की व्यस्तताओं के बावजूद व्यक्ति यदि इच्छाशक्ति रखे तो अपनी परंपराओं और संस्कृतियों से गहराई से जुड़ा रह सकता है। उनका यह प्रयास केवल मनोरंजन भर नहीं, बल्कि एक प्रकार की सांस्कृतिक साधना और भक्ति है।
उनकी भक्ति और कर्तव्यपरायणता का संगम युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुका है। अधिकारी होने के बावजूद उनका जमीन से जुड़ा स्वभाव और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी यह बताती है कि कर्तव्य के साथ भक्ति का संतुलन बनाना ही वास्तविक जीवन की सफलता है।