स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने बिगुल फूंका: विवि प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप
सबसे प्रमुख मुद्दे के रूप में शिक्षक संघ ने विषम सेमेस्टर 2025 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का पारिश्रमिक अब तक न मिलने को गंभीर लापरवाही बताया और तत्काल भुगतान की मांग रखी। साथ ही यह भी कहा कि परीक्षाओं को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए गठित उड़ाका दल में सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए तथा वाहन किराया बढ़ाया जाए। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि स्ववित्तपोषित कॉलेजों के शिक्षकों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है, जबकि उच्च शिक्षा में 85 प्रतिशत योगदान इन्हीं कॉलेजों का है।
संघ ने मांग की कि सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के शिक्षकों को पीएचडी का शोध निदेशक बनाया जाए। शिक्षा सेवा नियमावली का गठन किया जाए। परीक्षा कार्यों में केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, कक्ष निरीक्षक, व्यावहारिक परीक्षक एवं उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में उनकी भागीदारी के अनुरूप अधिकार व दायित्व दिए जाएं। सीपीएफ कटौती लागू की जाए, और फर्जी अनुमोदन जैसी बाधाओं को दूर किया जाए। यूजीसी मानकों के अनुसार निश्चित वेतन निर्धारण लागू कर शिक्षकों को उनका हक दिया जाए।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जिला अध्यक्ष डॉ. प्रभाकर सिंह और महामंत्री डॉ. निलेश कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. सलीम खान, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, डॉ. पिंटू गुप्ता, डॉ. राकेश कुमार गुप्ता, डॉ. सीमा सिंह एवं डॉ. निजामुद्दीन उपस्थित रहे।

