डीएम की लापरवाही पर हाईकोर्ट सख़्त , अवमानना नोटिस जारी

 

जौनपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कड़ा रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी पर अवमानना की तलवार लटका दी है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है जिलाधिकारी द्वारा जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही है।

न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की अदालत ने नीतू सिंह बनाम राज्य सरकार मामले में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सहित अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने माना कि 28 अगस्त 2025 को पारित आदेश का जानबूझकर पालन नहीं किया गया, जो सीधे-सीधे न्यायालय की अवहेलना है।

कोर्ट ने आदेश दिया है कि संबंधित अधिकारी एक माह के भीतर आदेश का पालन करें अथवा अनुपालन शपथपत्र दाखिल करें, अन्यथा उन्हें यह बताना होगा कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।

हाईकोर्ट ने मामले को प्रथम दृष्टया गंभीर मानते हुए कहा कि यह प्रकरण अवमानना अधिनियम 1971 के तहत विचारणीय है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च 2026 को होगी।

इस आदेश के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है, जबकि आमजन में यह संदेश गया है कि हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी अब भारी पड़ सकती है।

यह है पूरा मामला

प्रार्थना पत्र के अनुसार नीतू सिंह पत्नी अश्वनी कुमार सिंह, निवासी ग्राम भनौर परसना बरसठी, तहसील मछलीशहर (वर्तमान पता- रामसराय पट्टी, परसना हवेली, तहसील सदर जौनपुर) ने दिनांक 29 अक्टूबर 2021 को आराजी संख्या 149 (गाटा संख्या 149/0-154) स्थित भूमि का वैध बैनामा कराया था। उक्त भूमि पर आवासीय मकान निर्माण के बाद शेष बची जमीन की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल व वाटर रिचार्ज सिस्टम का निर्माण कराया जा रहा था।

महिला का आरोप है कि 22 मई 2025 को जब बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य चल रहा था, तभी अचानक खुद को आरएसएस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा बताने वाले कुछ लोग वहां पहुंचे और बिना किसी वैधानिक आदेश के निर्माण कार्य रुकवा दिया। आरोप है कि इन लोगों ने बाउंड्रीवाल को जबरन तुड़वा दिया और कहा कि “हम आरएसएस के स्वयंसेवक हैं, हम जो चाहेंगे वही होगा।”

पीड़िता का कहना है कि आरोपितों ने अशब्द, अभद्र भाषा का प्रयोग किया और यह तक कहा कि “हमारी पकड़ शासन-प्रशासन में मजबूत है, तुम कुछ नहीं कर पाओगी।” इस घटना के बाद से महिला और उसका परिवार भय के माहौल में जीने को मजबूर है।

महिला ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उपजिलाधिकारी सदर को निर्देशित कर मामले की जांच कराई जाए, दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो तथा उसकी जमीन पर बाउंड्रीवाल का निर्माण सुरक्षित रूप से कराया जाए, ताकि किसी अप्रिय घटना की आशंका को रोका जा सके।

नीतू सिंह की गुहार पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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