“कानून का एक मजबूत स्तंभ गिरा: वरिष्ठ अधिवक्ता बीडी सिंह के निधन से जौनपुर शोकाकुल”
स्व. बीडी सिंह न केवल एक कुशल और निष्पक्ष अधिवक्ता थे, बल्कि वे अपने शिष्यों और सहकर्मियों के लिए मार्गदर्शक, शिक्षक और प्रेरणास्रोत भी रहे। दीवानी न्यायालय में उन्होंने दशकों तक अपनी निर्भीक, सादगीपूर्ण और अनुशासित वकालत से अलग पहचान बनाई। उनके व्यवहार में विनम्रता और विचारों में दृढ़ता सदैव झलकती रही।
उनका अंतिम संस्कार नगर के रामघाट पर पूरे विधि-विधान एवं शोकाकुल वातावरण में संपन्न हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता, पत्रकार, समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। उन्हें मुखाग्नि उनके छोटे पुत्र, वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षक मनोज वत्स ने दी। इस भावुक क्षण में उपस्थित लोगों की आंखें नम हो उठीं।
स्वर्गीय बीडी सिंह, नगर विधायक एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री गिरीश चंद्र यादव के गुरु रहे हैं। श्री यादव ने स्व. बीडी सिंह के सान्निध्य में रहकर दीवानी न्यायालय में वकालत की शुरुआत की थी। अपने गुरु के निधन पर गिरीश चंद्र यादव ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “स्व. बीडी सिंह मेरे लिए केवल गुरु ही नहीं, बल्कि जीवन के पथप्रदर्शक थे। उनके निधन से मैंने अपना अभिभावक खो दिया है।”
स्व. बीडी सिंह अपने पीछे चार पुत्रों और दो पुत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अधिवक्ता संघ, पत्रकार संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
उनका जाना केवल एक व्यक्ति का जाना नहीं, बल्कि न्याय, नैतिकता और सादगी की एक जीवंत परंपरा का अंत है। जनपद उन्हें एक सज्जन अधिवक्ता और आदर्श गुरु के रूप में सदैव स्मरण करेगा।

