ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन के ब्लॉक अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव और ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष विनय यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि सचिवों का कार्य पूरी तरह से फील्ड आधारित है। ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी लेना अव्यावहारिक, मनमाना और कार्य की प्रकृति के प्रतिकूल है।उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सचिवों से उनके मूल विभागीय कार्यों के अतिरिक्त क्रॉप सर्वे एग्रीस्टैक, फॉर्मर रजिस्ट्री, फैमिली आईडी, भूसा दान, पराली प्रबंधन, गौशाला संचालन, छुट्टा गौवंश एवं श्वान संरक्षण, पीएम सूर्यघर योजना, समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का सत्यापन, राशन कार्ड सत्यापन, स्टैटिक मजिस्ट्रेट ड्यूटी जैसे अनेक गैर-विभागीय कार्य कराये जा रहे हैं।
पदाधिकारियों ने आगे कहा कि इन अतिरिक्त कार्यों के कारण सचिव अत्यधिक दबाव में रहते हैं। साथ ही मांग किया कि यह कार्य संबंधित विभागों से ही कराए जाने चाहिए। नेतृत्वकर्ताओं ने चेतावनी दिया कि यदि ऑनलाइन हाजिरी सहित ऐसे अव्यावहारिक आदेशों को वापस नहीं लिया गया तो अगले चरण में सभी सचिव अपने डोंगल कार्यालय में जमा कर देंगे। चरणबद्ध सत्याग्रह आंदोलन के तहत ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी अब तक काली पट्टी बांधकर कार्य करते हुए शासनादेशों के प्रति अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। धरना-प्रदर्शन के बाद सभी ग्राम सचिवों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन खंड विकास अधिकारी दिनेश मौर्य को सौंपते हुये मांगों के निराकरण की अपेक्षा किया।
इस अवसर पर सुरेंद्र यादव, ज्योति सिंह, विकास यादव, सतेंद्र यादव, शेष नारायण मौर्य, प्रशांत यादव, शशिकांत सोनकर, विकास गौतम, संतोष दुबे, प्रफुल्ल यादव सहित तमाम सचिव उपस्थित रहे।