केन्द्रीय वेतन आयोग के संकल्प पत्र से पेंशन पुनरीक्षण बाहर, पेंशनर्स आंदोलित
धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता जनपद जिलाध्यक्ष सी.बी. सिंह ने की। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आठवें वेतन आयोग के विचारणीय विषयों में पेंशनर्स के पेंशन पुनरीक्षण एवं अन्य पेंशनरी लाभों को अविलंब शामिल किया जाए। उन्होंने भारत के राजपत्र में प्रकाशित गजट नोटिफिकेशन के बिंदु तीन में उल्लिखित गैर-अंशदायी, गैर-वित्तपोषित क्लॉज को हटाने की मांग करते हुए कहा कि इससे पुराने पेंशन नियमों में बदलाव की आशंका उत्पन्न हो रही है। यदि सरकार ने पेंशनर्स की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो देशव्यापी बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
सभा में जिला मंत्री कृपाशंकर उपाध्याय ने ज्ञापन का वाचन किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। शिक्षक पेंशनर्स के जिलाध्यक्ष सुबेदार यादव एवं मंत्री शिवजोर ने अपने संबोधन में सरकार की पेंशनर्स विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए पेंशन पुनरीक्षण को वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस में शामिल करने की मांग की तथा संघर्ष के लिए पेंशनर्स का आह्वान किया।
वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि पूर्ववर्ती वेतन आयोगों की भांति पेंशन को भी आठवें वेतन आयोग के संकल्प पत्र में शामिल किया जाए। धरना-प्रदर्शन स्थल पर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह ने पेंशनर्स का ज्ञापन स्वीकार किया और इसे माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार नई दिल्ली तथा माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ सहित संबंधित अधिकारियों को भेजने का आश्वासन दिया।
सभा को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संरक्षक राकेश कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सत्यदेव सिंह सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में केंद्रीय व राज्य पेंशनर्स तथा शिक्षक पेंशनर्स उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री कृपाशंकर उपाध्याय ने किया।

