खरमास के प्रथम सोमवार को मां शीतला का हुआ भव्य श्रृंगार

 मान्यता: आध्यात्मिक साधना व जप—तप के लिये श्रेष्ठ है खरमास काल

चौकियां धाम, जौनपुर। पूर्वांचल की आस्था का केंद्र शीतला चौकियां धाम में खरमास माह के पहले सोमवार को मां शीतला का भव्य श्रृंगार किया गया। मां शीतला की तीनों पहर भव्य आरती की गई तथा मौजूद भक्तजनों में प्रसाद वितरित किया गया। देखा गया कि मंदिर के पुजारी शिव कुमार पंडा ने भोर साढ़े 5 बजे माँ शीतला का भव्य श्रृंगार करके भोग लगाया। तत्पश्चात मंगला आरती किया। बता दें कि 16 दिसम्बर से सूर्यदेव के धनु राशि में गोचर करने से खरमास माह आरम्भ हो गया है। सूर्यदेव एक माह तक धनु राशि में रहेंगे।14 जनवरी को सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश के बाद मकर संक्रांति लगने के साथ ही खरमास समाप्त हो जायेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास काल में शादी विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं लेकिन आचार्यो ने खरमास माह को जप—तप व साधना, आत्म चिंतन के लिए श्रेष्ठ समय बताया है। चौकियां धाम के त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि 16 दिसम्बर से 14 जनवरी तक खरमास काल में जप—तप व साधना से ईश्वरीय कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह शांत मन से एकांत में साधना के लिये अनुकूल समय होता है। यह काल आध्यात्मिक साधना के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है।

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