वाराणसी रेंज में शुरू हुआ ‘पुलिस सतर्क मित्र’ व्हाट्सएप बॉट, अब गुप्त रूप से दे सकेंगे अपराध की सूचना
वाराणसी। अवैध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने और नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) श्री वैभव कृष्ण ने नागरिकों के लिए एक विशेष व्हाट्सएप बॉट “पुलिस सतर्क मित्र” जारी किया है। यह बॉट वाराणसी रेंज के तीन जनपदों—जौनपुर, गाजीपुर एवं चंदौली—में लागू किया गया है।
डीआईजी कार्यालय से जारी प्रेस नोट के अनुसार, यदि किसी नागरिक को इन जनपदों के किसी भी क्षेत्र में गौ-तस्करी, शराब तस्करी, हथियार तस्करी अथवा अन्य किसी अवैध गतिविधि की जानकारी मिलती है या वह ऐसी गतिविधि होते देखता है, तो वह बिना अपनी पहचान उजागर किए सीधे व्हाट्सएप बॉट नंबर 7839860411 पर सूचना दे सकता है। इसके लिए केवल व्हाट्सएप संदेश भेजना या जारी किए गए QR कोड को स्कैन करना होगा।
सूचनाकर्ता की पहचान रहेगी पूरी तरह गोपनीय
इस व्हाट्सएप बॉट को इस प्रकार विकसित किया गया है कि सूचना देने वाले नागरिक का मोबाइल नंबर या कोई भी व्यक्तिगत जानकारी पुलिस के पास नहीं पहुंचेगी। यदि कोई नागरिक केवल “Hi” लिखकर भी संदेश भेजता है, तो बॉट स्वतः भाषा का विकल्प पूछेगा और फिर चरणबद्ध तरीके से अवैध गतिविधि से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त कर लेगा।
इन अवैध गतिविधियों की दी जा सकेगी सूचना
नागरिक निम्नलिखित अवैध गतिविधियों से संबंधित सूचना दे सकते हैं—
गौ-तस्करी/गौवध
अवैध मादक पदार्थ (ड्रग्स, शराब, हुक्का बार)
अवैध हथियार (उत्पादन, वितरण या बिक्री)
जुआ/सट्टा
वेश्यावृत्ति, महिला एवं बाल तस्करी, अवैध स्पा
छेड़छाड़ वाले स्थान
अवैध खनन/ओवरलोड वाहन
जबरन वसूली/पुलिस भ्रष्टाचार
जबरन धर्म परिवर्तन
अन्य कोई सूचना
सूचना फोटो, वीडियो, ऑडियो या टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से भेजी जा सकती है।
गंभीर अपराधों से जुड़ी जानकारी भी भेज सकेंगे नागरिक
पुलिस के अनुसार, कई बार हत्या, लूट, चैन स्नैचिंग जैसी गंभीर घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज या अपराधियों की तस्वीरें नागरिकों के पास होती हैं, लेकिन पहचान उजागर होने के डर से वे पुलिस को नहीं देते। ऐसे मामलों में भी यह व्हाट्सएप बॉट नागरिकों के लिए सुरक्षित माध्यम बनेगा।
एसपी और डीआईजी कार्यालय तक पहुंचेगी सूचना
इस बॉट पर प्राप्त सभी सूचनाएं सीधे संबंधित जनपद के पुलिस अधीक्षक कार्यालय और डीआईजी वाराणसी रेंज कार्यालय को प्राप्त होंगी। इसके बाद एसपी कार्यालय द्वारा संबंधित अधिकारी को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। कार्रवाई पूरी होने पर उसका विवरण फोटो, वीडियो या मैसेज के माध्यम से वापस अपलोड किया जाएगा और सूचनाकर्ता को भी बॉट के जरिए स्वतः सूचना मिल जाएगी।
पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की सूचना भी संभव
यदि किसी थाना या चौकी का पुलिसकर्मी भी किसी अवैध गतिविधि या भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया जाता है, तो उसकी सूचना भी नागरिक इस व्हाट्सएप बॉट पर दे सकते हैं।
आधुनिक डैशबोर्ड से होगा विश्लेषण
‘पुलिस सतर्क मित्र’ के संचालन के लिए एसपी कार्यालय और डीआईजी रेंज कार्यालय में विशेष बैकएंड डैशबोर्ड तैयार किए गए हैं, जिनके माध्यम से अवैध गतिविधियों के हॉटस्पॉट, थानावार तुलनात्मक विवरण, साप्ताहिक/मासिक विश्लेषण और संवेदनशीलता के आधार पर वर्गीकरण किया जा सकेगा।
पुलिस प्रशासन ने जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली के नागरिकों से अपील की है कि वे “पुलिस सतर्क मित्र” व्हाट्सएप बॉट (7839860411) और जारी किए गए QR कोड का अधिक से अधिक उपयोग करें और क्षेत्र को अवैध गतिविधियों से मुक्त बनाने में पुलिस का सहयोग करें।

