ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में मुखर हुए सचिव, वीडीओ व जीपीओ

 धर्मापुर व महाराजगंज ब्लॉक में काली पट्टी बांधकर कर्मचारियों ने जताया आक्रोश

जौनपुर। फील्ड स्टाफ पर लागू की गई ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था के खिलाफ जौनपुर के दो प्रमुख विकास खंडों—धर्मापुर और महाराजगंज—में सोमवार को सचिवों, ग्राम विकास अधिकारियों और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया और शासन से आदेश वापस लेने की मांग उठाई।

धर्मापुर ब्लॉक में सचिवों का विरोध
धर्मापुर ब्लॉक मुख्यालय पर सचिवों ने ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली के विरोध में काली पट्टी बांधकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। जिला मंत्री रामकृष्ण पाल ने कहा कि सचिव 12वीं पास नॉन-टेक्निकल कर्मचारी हैं, लेकिन सरकार बिना संसाधनों के उनसे रोबोट की तरह कार्य लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि मात्र 200 रुपये साइकिल भत्ता देकर महीने भर ग्राम पंचायत से ब्लॉक, और ब्लॉक से जिला मुख्यालय तक मीटिंग के लिए बुलाया जाता है, जबकि यात्रा भत्ता नहीं दिया जाता।
उन्होंने बताया कि बिना मोबाइल और डाटा उपलब्ध कराए सभी कार्य कर्मचारियों के निजी मोबाइल से कराए जाते हैं। जूम मीटिंग असमय होती है, अन्य विभागों के कार्य भी दबाव में कराए जाते हैं और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी भी मिलती है।

प्रदर्शन में अरविन्द यादव, राकेश रोशन, मनीष चन्द, श्रुति गुप्ता, राजेश यादव, स्वतंत्र मौर्या, अखिलेश कुमार, विपिन राय, अरविन्द चौहान सहित कई सचिव मौजूद रहे।

महाराजगंज में वीडीओ और जीपीओ का सत्याग्रह
महाराजगंज विकास खंड मुख्यालय परिसर में ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारियों ने ऑनलाइन हाजिरी के आदेश को अव्यावहारिक बताते हुए शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया। कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया लेकिन विभागीय व चुनावी कार्य पूर्ववत जारी रखा।

ग्राम विकास अधिकारी एसोसिएशन के ब्लॉक अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने बताया कि आंदोलन प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 4 दिसंबर तक आदेश वापस नहीं लिया गया तो 5 दिसंबर को सभी कर्मचारी ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे और सरकारी व्हाट्सएप समूहों से बाहर हो जाएंगे।

ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष विनय यादव ने कहा कि ऑनलाइन उपस्थिति कार्यालयी स्टाफ के लिए ठीक हो सकती है, लेकिन फील्ड स्टाफ के लिए यह पूरी तरह अव्यावहारिक है। अधिकांश अधिकारी 10–15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायतों में तैनात हैं और रोज कई गांवों व गौशालाओं का निरीक्षण करना पड़ता है, ऐसे में निर्धारित समय पर ऑनलाइन हाजिरी लगाना संभव नहीं है।

सत्याग्रह के दौरान कर्मचारियों ने “इंकलाब जिंदाबाद” और “ऑनलाइन हाजिरी वापस लो” के नारे लगाए।
कार्यक्रम में प्रभारी एडीओ पंचायत उमेंद्र यादव, सचिव ज्योति सिंह, विकास यादव, शशिकांत सोनकर, शेष नारायण मौर्य, सतेंद्र यादव, संतोष दुबे, प्रशांत यादव, सुरेंद्र यादव, विकास गौतम सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।

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