राहगीरों और केरायदारो की कब्रगाह बन सकती है राजा - रानी की कोठी ?
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मौत को दावत देता राज भवन |
ओलन्दगंज से कचेहरी रोड पर नखास मोड़ पर सडक के दोनों तरफ जिले के दो राजाओं की कोठियां है। एक कोठी राजा सिगरामऊ श्रीपाल सिंह सन 1884 में अपनी रानी के लिए निर्माण कराया था। उसके ठीक सामने राजा बाज़ार के किंग चन्द्रभाल देव सिंह ने 1932 तीन मंजिला इमारत खड़ा किया था। इन दोनों इमारतो में 50 से अधिक व्यापारी प्रतिष्ठान है करीब इतने ही रिहायशी फ्लैट्स है। इन सभी पर केरायदारो ने अपना कब्जा जमा लिया है। इसी बात को लेकर दोनों राजाओ के वंशजो और केरायदारो के बीच न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। इन दोनों के बीच चल रही मुकदमे बाज़ी के कारण खुद केरायेदार अपना जान जोखिम में डालकर जर जर माकन में रह रहे है और राहगीरों पर मौत का बादल दिखाई पड़ रहा है। इसी तरह डाबर के अगल बगल , हरलालका रोड , कोतवाली चौराहा , सब्जीमंडी अहियापुर मोड़ और रेलवे स्टेशन तक दर्जनों इमारते आने जाने वाली जनता और केरायदारो के मौत का सबब बन सकती है।