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महंत के अद्भुत चमत्कार से प्रकट हुए शेषनाग!
वाराणसी. बीते नागपंचमी को काशी के अस्सी स्थित रामजानकी मठ के
महंत राजकुमार दास ने अद्भुत चमत्कार करके दिखाया है। इसे देखकर हर कोई
हैरान रह गया। उनके मुताबिक उन्होंने मंत्रों की शक्ति से 20 हजार साल
पुराने विषैले नागराजों को प्रकट किया था। महंत का यह करनामा आपने आप में
अद्भुत था। इतना ही नहीं महंत दास का ये भी दावा है कि नागलोक से आए इन
नागों में 18 मणिधारी नाग भी हैं।
मठ महंत के इस अविश्वसनीय चमत्कार को देखने के लिए भक्तों की भीड़
उमड़ गई। बढ़ती भीड़ को देख महंत ने नागों के दर्शन के लिए बहुत ज्यादा
अनुमति नहीं दी थी। उनका कहना है कि कई नाग ऐसे थे जो बिल्कुल सिल्वर कलर
के थे, तो कई बिल्कुल ब्लैक और गोल्डन कलर के थे। कुछ नागों के तो मूंछ और
दाढ़ी भी दिखाई पड़ रही थी।
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महंत राजकुमार दास का दावा हैं कि ये नागदेवता कहीं से पकड़े नहीं गए
हैं बल्कि दुनिया में दूसरी बार तप और मंत्रों की शक्ति पर उन्हें धरती पर
बुलाया गया है। महंत के इस अद्भुत चमत्कार को देख भक्त महादेव की कृपा ही
मान रहे हैं। इस पूरी प्रक्रियां को मंडल बताते है। रामजानकी मठ के महंत राजकुमार दास अपने आप को पंजाबी भगवान के शिष्य बताते
हैं। महंत राजकुमार दास का कहना है कि 108 नागदेवों को छः सालों तक तप और
मंत्र की शक्ति से नागराजो के मंडल का आह्वान किया गया है। उनका कहना है कि
इन नागों कि आयु पांच हजार साल से बीस हजार साल तक होती है। उनका कहना है कि मंडल ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रभु से आज्ञा लेने के बाद
घोर तपस्या करना पड़ता है। मंडल में 108 नाग ही आह्वान के दौरान बुलाये जा
सकते है। पृथ्वी पर गुरु महराज ने सैकड़ों साल पहले ऐसा किया था। ये दूसरी
बार है जब इतनी आयु के नाग एक साथ धरती पर अवतरित हुए है।