हकीकत कहने वालों की कोई कीमत नहीं
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जौनपुर: राष्ट्रीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुजानगंज के संस्थापक स्व.काशी प्रसाद त्रिपाठी की पुण्य तिथि पर विद्यालय परिसर में काव्य संध्या का आयोजन बुधवार रात्रि में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। मिथिलेश गहमरी ने अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा हकीकत कहने वालों की कोई कीमत नहीं करता, यहां तो चापलूसी का सदा दरबार चलता है, शहीदों की चिताओं पर कहो कैसे लगे मेले, यहां तो गद्दार सीना तान चलता है। डा.रंजना राय ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि तुम्हारे प्यार में जिस दिन मेरी पायल छनक जाए, तुम्हारी याद में ए चूड़ियां जिस दिन खनक जाए, किसी दिन मैं रचा लूं जो तुम्हारे नाम की मेंहदी, उसी दिन देखने को चांद भी मचल जाए। फजीहत गहमरी ने अपनी रचना सुनाते हुए कहा कि अपनी दिलनशीं अदाओं से निमंत्रण मूक देती है, गिरा के हुस्न की बिजली मेरा दिल जला देती है। सोनभद्र से आए जगदीश पंथी ने सोनभद्र की पारंपरिक गीत नेटुआ गाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। संचालक लालजी यादव झगड़ू की रचना अंतिम दिन की शोभा है चुटकी भर सिंदूर को श्रोताओं ने खूब सराहा। धर्म प्रकाश मिश्र की रचना हनुमान काव्य को सुन दर्शक झूम उठे। अमरनाथ मोही की रचना ने खूब तालियां बटोरी। अध्यक्षता कर रहे देवेंद्र प्रताप सिंह (दद्दा जी) ने कहा ए वतन तू ही बता क्या नाम तुझको दूं भारत कहूं या इंडिया या हिंदुस्तां कहूं। वाराणसी की डा.मंजरी पांडेय की रचना काशी के शिव की गंगा बहाने मैं आई हूं। दिल में लगी जो आग बुझाने मैं आई हूं।
इसके पूर्व क्षेत्र के संभ्रांत जनों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने की प्रेरणा दिया। आगंतुकों का स्वागत प्राचार्य डा.राकेश कुमार पांडेय, आभार प्रबंधक वेद प्रकाश त्रिपाठी, डा.अश्विनी कुमार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।