सांसद तूफानी ने जनता को पानी पिलाने और गाँवो में रोशनी पहुंचने से ज्यादा महत्व स्कूलो पर सरकारी धन न्योछावर करना मुनासीब समझा
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जौनपुर जिले के मछलीशहर ( सुरक्षित ) सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद
तूफानी सरोज ने अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में सांसद निधि का पैसा
रास्ते को सुगम बनाने और पानी की निकासी में अधिक खर्च किया। जनता को पानी
पिलाना और रौशनी देने से ज्यादा महत्व जनता का पैसा निजी स्कूलो न्योछावर
करना ज्यादा मुनासीब समझा। स्वास्थ पर फूटी कौड़ी भी खर्च नही किया। करीब
तीन करोड़ 55 लाख रूपये पिंड्रा विधान सभा के विकास के लिए वाराणसी भेज
दिया। चुकि यह विधान सभा भी मछलीशहर संसदीय क्षेत्र में आती है।
सरकारी आकड़ो के अनुसार 2009 - 10 वित्तीय वर्ष में इनके खाते में दो करोड़ 32 लाख रूपये मिले थे।
इसमें 53 लाख रूपये पेयजल पर 68 लाख 83 हजार रूपये सड़क , नाली और पुलिया निर्माण में खर्च किया स्कूलो में 36 लाख रूपये बाटे सौर ऊर्जा के मद में 41 हजार रूपये खर्च किया विधुति करण पर एक पैसा भी खर्च नही किया चालीस लाख रूपये वाराणसी भेजा है।
वर्ष 2010 -11 में दो करोड़ तीन लाख 6 हजार रूपये प्राप्त हुए
इस वर्ष पेयजल पर फूटी कौड़ी नही दिया सड़क , नाली , पुलिया पर 83 लाख 43 हजार रूपये खर्च किया। विधालय में 63 लाख रूपये बाट दिया। विधुतीकरण के खाते में 9 लाख 27 हजार खर्च किया। 50 लाख रूपये वाराणसी भेजने का काम किया।
वर्ष 2011 - 12 में कुल पांच करोड़ 9 लाख 68 हजार रूपये की धनराशि तूफानी के खाते में आयी
इस वर्ष 52 लाख 92 हजार रूपये पेयजल पर खर्च किया दो करोड़ 74 हजार 97 हजार रूपये सड़क नाली और पुलिया बनवाने में खर्च किया शिक्षण संस्थाओ को 47 लाख रूपये बांटे बिजली पर 34 लाख 98 हजार रूपये खर्च किया 90 लाख रूपये वाराणसी भेजा
वर्ष 2012 - 13 में पांच करोड़ 30 लाख 11 हजार रूपये सांसद निधि मिली
इस वर्ष पेयजल पर एक पैसा खर्च नही किया। सड़क नाली और पुलिया बनवाने में तीन करोड़ 16 लाख 21 हजार रूपये व्यय किया स्कूलो में 85 लाख रूपये बांटे , सौर ऊर्जा पर 21 हजार बिजली पर 34 लाख 98 हजार रूपये खर्च किया। एक करोड़ रूपये वाराणसी ट्रान्फर किया।
वर्ष 2013 - 14 प्राप्त धन 5 करोड़ 14 लाख 39 हजार रूपये
पेयजल पर एक पैसा खर्च करना मुनासीब नही समझा। सड़क नाली और पुलिया निर्माण में तीन करोड़ 29 लाख 57 हजार रूपये व्यय किया 77 लाख रूपये शिक्षण संस्थाओ पर खर्च किया सौर ऊर्जा पर तीन लाख विधुति करण पर 37 लाख 95 हजार रूपये खर्च किया। 75 लाख रूपये वाराणसी भेजने का काम किया है।
मछलीशहर लोक सभा सीट 2009 के चुनाव से पहले सामन्य सीट हुआ करती थी। इस लोक सभा में मछलीशहर , खुटहन गढ़वारा विधान सभा सीटे जौनपुर जिले की थी दो विधान सभा प्रतापगढ़ जिले की वीरापुर और पट्टी विधान सभा सीट थी। 2009 में इस सीट को सुरक्षित कर दिया गया उधर सुरक्षित सीट सैदपुर का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया सैदपुर संसदीय क्षेत्र में जौनपुर की दो विधान सभा बयालसी और केराकत हुआ करती थी तीन विधान सभा गाजीपुर जिले के सैदपुर , सादात और जखनिया विधान सभा हुआ करती थी। इस सुरक्षित सीट पर समाजवादी पार्टी के तूफानी सरोज 1999 और 2004 लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज किया था। सैदपुर लोक सभा समाप्त होने के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने तूफानी को मछलीशहर सीट पर उतारा तो तूफानी ने अपने जीत की हैट्रिक लगाते हुए दिल्ली पहुंचे थे।
मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की अगर बात की जाय तो यह जिला प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्र में शुमार है । बिजली पानी और सड़क के आलावा रोजगार की समस्या सबसे प्रमुख है । जिले में रोजगार के साधन न होने के कारण यहाँ के लोग रोजी रोटी के लिए गैर प्रांतो में नौकरी कर रहे है इस संसदीय क्षेत्र में जलालपुर ब्लाक के पास 1994 -95 में रेशम विभाग ने 5 एकड़ की भूमि पर रेशम कीट पालन केद्र खोला था। इस केद्र को खोलने के पीछे सरकार की मंशा था कि इस केद्र के माध्यम से किसानो को ट्रेनिग देकर उन्हें एक नया रोजगार मुहैया कराना। लेकिन सरकार का यह योजना भी पूरी तरह फ्लाफ हो गया। स्थानीय नेताओ और विभागीय अधिकारियो की उदासीनता के चलते सभी रेशम कीट मर गये और सहतूत के पेड़ मुरझाने लगे है। इसके बदहाली को सुधारने के लिए तूफानी सरोज ने कोई पहल नही किया।
इस इलाके में रोजी रोजगार के संसाधन ना होने के कारण यहा बेरोजगार अन्य प्रदेशो में नौकरी और रोजगार करते है। इस क्षेत्र में रेलवे के कई स्टेशन थे लेकिन पैसेंजर ट्रेन के आलावा कोई गाड़िया नही रूकती थी। सांसद ने प्रयास कर कई गाडियो को इस रूट पर चलवाने और ठहराव करवाने का काम किया है।
मछलीशहर लोक सभा के जफराबाद , केराकत और विधान क्षेत्रोमें वाटर लेवल काफी नीचे चले जाने से पानी की भारी किल्लत हो गई है। किसान खेत की सिचाई और पीने के पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे है मछलीशहर संसदीय सीट का राजनैतिक इतिहास
1952 के लोक सभा चुनाव से जुड़ा हुआ है 1952 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु इलाहबाद के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था उस समय मछलीशहर विधान सभा फूलपुर संसदीय क्षेत्र में था। इलाके से जुड़ा कोई खास इतिहास इस क्षेत्र में जमैथा गांव में भगवन परशुराम के पिता यमदग्नि ऋषि का आश्रम है वेड पुराणो उलेख है कि यहाँ पर यमदग्नि ऋषि अपना आश्रम बनाकर रहते थे सहत्रार्जुन ने चढ़ाई करके उनका बध यही किया था अपने पिता के हत्यारो से बदला लेने के लिए पशुराम ने यही से फरसा उठाकर हैय हैय वंश क्षत्रियो सफाया किया था। वाराणसी हाइवे से सटा राजेपुर गांव है इस गांव में गोमती और साई नदी संगम है किदवंती है राम को मनाने गये भारत जी लौटते समय इसी पवन तट पर स्नाना ध्यान करने के भगवन शिव का स्थापना किया था तभी इस घाट पवन अवसरों यहाँ पर श्रद्धालुओ भारी हुजूम उमड़कर स्नान ध्यान करते है
सरकारी आकड़ो के अनुसार 2009 - 10 वित्तीय वर्ष में इनके खाते में दो करोड़ 32 लाख रूपये मिले थे।
इसमें 53 लाख रूपये पेयजल पर 68 लाख 83 हजार रूपये सड़क , नाली और पुलिया निर्माण में खर्च किया स्कूलो में 36 लाख रूपये बाटे सौर ऊर्जा के मद में 41 हजार रूपये खर्च किया विधुति करण पर एक पैसा भी खर्च नही किया चालीस लाख रूपये वाराणसी भेजा है।
वर्ष 2010 -11 में दो करोड़ तीन लाख 6 हजार रूपये प्राप्त हुए
इस वर्ष पेयजल पर फूटी कौड़ी नही दिया सड़क , नाली , पुलिया पर 83 लाख 43 हजार रूपये खर्च किया। विधालय में 63 लाख रूपये बाट दिया। विधुतीकरण के खाते में 9 लाख 27 हजार खर्च किया। 50 लाख रूपये वाराणसी भेजने का काम किया।
वर्ष 2011 - 12 में कुल पांच करोड़ 9 लाख 68 हजार रूपये की धनराशि तूफानी के खाते में आयी
इस वर्ष 52 लाख 92 हजार रूपये पेयजल पर खर्च किया दो करोड़ 74 हजार 97 हजार रूपये सड़क नाली और पुलिया बनवाने में खर्च किया शिक्षण संस्थाओ को 47 लाख रूपये बांटे बिजली पर 34 लाख 98 हजार रूपये खर्च किया 90 लाख रूपये वाराणसी भेजा
वर्ष 2012 - 13 में पांच करोड़ 30 लाख 11 हजार रूपये सांसद निधि मिली
इस वर्ष पेयजल पर एक पैसा खर्च नही किया। सड़क नाली और पुलिया बनवाने में तीन करोड़ 16 लाख 21 हजार रूपये व्यय किया स्कूलो में 85 लाख रूपये बांटे , सौर ऊर्जा पर 21 हजार बिजली पर 34 लाख 98 हजार रूपये खर्च किया। एक करोड़ रूपये वाराणसी ट्रान्फर किया।
वर्ष 2013 - 14 प्राप्त धन 5 करोड़ 14 लाख 39 हजार रूपये
पेयजल पर एक पैसा खर्च करना मुनासीब नही समझा। सड़क नाली और पुलिया निर्माण में तीन करोड़ 29 लाख 57 हजार रूपये व्यय किया 77 लाख रूपये शिक्षण संस्थाओ पर खर्च किया सौर ऊर्जा पर तीन लाख विधुति करण पर 37 लाख 95 हजार रूपये खर्च किया। 75 लाख रूपये वाराणसी भेजने का काम किया है।
मछलीशहर लोक सभा सीट 2009 के चुनाव से पहले सामन्य सीट हुआ करती थी। इस लोक सभा में मछलीशहर , खुटहन गढ़वारा विधान सभा सीटे जौनपुर जिले की थी दो विधान सभा प्रतापगढ़ जिले की वीरापुर और पट्टी विधान सभा सीट थी। 2009 में इस सीट को सुरक्षित कर दिया गया उधर सुरक्षित सीट सैदपुर का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया सैदपुर संसदीय क्षेत्र में जौनपुर की दो विधान सभा बयालसी और केराकत हुआ करती थी तीन विधान सभा गाजीपुर जिले के सैदपुर , सादात और जखनिया विधान सभा हुआ करती थी। इस सुरक्षित सीट पर समाजवादी पार्टी के तूफानी सरोज 1999 और 2004 लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज किया था। सैदपुर लोक सभा समाप्त होने के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने तूफानी को मछलीशहर सीट पर उतारा तो तूफानी ने अपने जीत की हैट्रिक लगाते हुए दिल्ली पहुंचे थे।
मछलीशहर संसदीय क्षेत्र की अगर बात की जाय तो यह जिला प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्र में शुमार है । बिजली पानी और सड़क के आलावा रोजगार की समस्या सबसे प्रमुख है । जिले में रोजगार के साधन न होने के कारण यहाँ के लोग रोजी रोटी के लिए गैर प्रांतो में नौकरी कर रहे है इस संसदीय क्षेत्र में जलालपुर ब्लाक के पास 1994 -95 में रेशम विभाग ने 5 एकड़ की भूमि पर रेशम कीट पालन केद्र खोला था। इस केद्र को खोलने के पीछे सरकार की मंशा था कि इस केद्र के माध्यम से किसानो को ट्रेनिग देकर उन्हें एक नया रोजगार मुहैया कराना। लेकिन सरकार का यह योजना भी पूरी तरह फ्लाफ हो गया। स्थानीय नेताओ और विभागीय अधिकारियो की उदासीनता के चलते सभी रेशम कीट मर गये और सहतूत के पेड़ मुरझाने लगे है। इसके बदहाली को सुधारने के लिए तूफानी सरोज ने कोई पहल नही किया।
इस इलाके में रोजी रोजगार के संसाधन ना होने के कारण यहा बेरोजगार अन्य प्रदेशो में नौकरी और रोजगार करते है। इस क्षेत्र में रेलवे के कई स्टेशन थे लेकिन पैसेंजर ट्रेन के आलावा कोई गाड़िया नही रूकती थी। सांसद ने प्रयास कर कई गाडियो को इस रूट पर चलवाने और ठहराव करवाने का काम किया है।
मछलीशहर लोक सभा के जफराबाद , केराकत और विधान क्षेत्रोमें वाटर लेवल काफी नीचे चले जाने से पानी की भारी किल्लत हो गई है। किसान खेत की सिचाई और पीने के पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे है मछलीशहर संसदीय सीट का राजनैतिक इतिहास
1952 के लोक सभा चुनाव से जुड़ा हुआ है 1952 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु इलाहबाद के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था उस समय मछलीशहर विधान सभा फूलपुर संसदीय क्षेत्र में था। इलाके से जुड़ा कोई खास इतिहास इस क्षेत्र में जमैथा गांव में भगवन परशुराम के पिता यमदग्नि ऋषि का आश्रम है वेड पुराणो उलेख है कि यहाँ पर यमदग्नि ऋषि अपना आश्रम बनाकर रहते थे सहत्रार्जुन ने चढ़ाई करके उनका बध यही किया था अपने पिता के हत्यारो से बदला लेने के लिए पशुराम ने यही से फरसा उठाकर हैय हैय वंश क्षत्रियो सफाया किया था। वाराणसी हाइवे से सटा राजेपुर गांव है इस गांव में गोमती और साई नदी संगम है किदवंती है राम को मनाने गये भारत जी लौटते समय इसी पवन तट पर स्नाना ध्यान करने के भगवन शिव का स्थापना किया था तभी इस घाट पवन अवसरों यहाँ पर श्रद्धालुओ भारी हुजूम उमड़कर स्नान ध्यान करते है
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Machhlishahr (Lok Sabha constituency)
- 1952: Ganapati Ram, Indian National Congress
- 1957: Ganapati Ram, Indian National Congress
- 1962: Ganapati Ram, Indian National Congress
- 1967: Nageshwar Dwivedi, Indian National Congress
- 1971: Nageshwar Dwivedi, Indian National Congress
- 1977: Raj Keshar Singh, Janata Party
- 1980: Sheo Sharan Verma, Janata Party (Secular)
- 1989: Sheo Sharan Verma, Janata Dal
- 1991: Sheo Sharan Verma, Janata Dal
- 1996: Ram Vilas Veddanti, Bharatiya Janata Party
- 1998: Chinmayanand, Bharatiya Janata Party
- 1999: Chandra Nath Singh, Samajwadi Party
- 2004: Umakant Yadav, Bahujan Samaj Party
- 2009: Tufani Saroj, Samajwadi Party